Bird flu: बोकारो में बर्ड फ्लू से मुर्गियों की मौत के बाद जांच के लिए पहुंची केंद्रीय टीम, मौजूदगी में कराया बची मुर्गियों को खत्म
Bokaro: बोकारो जिले के सरकारी पोल्ट्री फार्म में एमबीएल फ्लू के प्रकोप के बाद इसकी स्थिति का आंकलन करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय टीम बोकारो पहुंची। जिसमें दिल्ली से पशुपालन विभाग से डॉ जिमी शर्मा, कोलकाता से हेल्थ विभाग की टीम में डॉ सीएस तलकर, डॉ अमित भौमिक और डॉ शिव कुमार शामिल थे। इस दौरान 1040 अंडे और 103 मुर्गियों को नष्ट करा दिया गया। पोल्ट्री में 908 मुर्गी फार्म में थे। जिसमे से लगभग 800 मुर्गी बर्ड फ्लू के संक्रमण से मरी हैं। बताते चलें कि मुर्गियों के मरने की शुरुआत 3 फरवरी से हुई थी. वही सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव 21 फरवरी को आई थी। पशुपालन विभाग से आई डॉक्टर जिमी शर्मा ने पशुपालन विभाग के डाटा को कलेक्ट किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने आसपास के पोल्ट्री फार्म जहां चिकेन की संख्या अधिक है, वहां सैंपल करने के काम की जानकारी ली. वहीं कोलकाता से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पोल्ट्री फार्म में हैंडलर और कर्मियों को सर्विलांस पर रखा है। क्योंकि वह सभी संक्रमित मुर्गी के कॉन्टेक्ट में रहे हैं। कोलकाता हेल्थ विभाग की टीम ने सिविल सर्जन से मुलाकात की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पशुपालन पदाधिकारी मनोज कुमार मणि ने बताया बुधवार से ही सैंपलिंग का काम शुरू हो गया है जरीडीह, सिवानडीह और चास समेत अन्य स्थानों पर सैंपलिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में कहीं बड़ी संख्या में मुर्गियों के मरने की सूचना नहीं मिली है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी स्पष्ट हो सकेगा।
सहायक निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इससे बचाव की आवश्यकता है, अगर किसी को इस प्रकार की कोई भी सूचना मिलती है, तो तुरंत कंट्रोल रूम को अवगत कराएं ताकि वहां एहतियात के तौर पर जो कदम उठाना चाहिए उसे उठाया जा सके। उन्होंने पोल्ट्री फार्म संचालकों से भी अपील की है कि अगर उन्हें अपने फार्म में इस प्रकार का कोई लक्षण दिखे तो तुरंत जानकारी दे।
गाइडलाइन का करें अनुपालन :
बोकारो में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने जिला वासियों के लिए गाइडलाइन जारी कर इसका अनुपालन करने की बात कहीं है। जिला प्रशासन बर्ड फ्लू का मामला पुष्टि होने के बाद से ही केंद्र व राज्य सरकार ने जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को सुनिश्चित कर रहा है ।
बर्ड फ्लू मुख्यतः
मुर्गियों का अत्यन्त संक्रामक रोग है। संक्रमित पक्षी, मुर्गी के सम्पर्क में जाने से यह संक्रमण मनुष्यों में भी फैल सकता है। बर्ड फ्लू अत्यन्त संक्रामक वायरस (एच5एन1) जनित रोग है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्लू से मिलते-जुलते हैं, जैसे सांस लेने में परेशानी,तेज बुखार, जुकाम और नाक बहना। इस तरह की समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में इसकी सूचना दें। सामान्यतः बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर नष्ट हो जाता है। किसी स्थान पर बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि होने के बावजूद अण्डे व चिकेन 70 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान तक पकाकर खाने में कोई नुकसान नहीं है।
ध्यान देने वाली बातें:
बीमार मुर्गियों के सीधे सम्पर्क में न आयें। दास्ताने या किसी भी अन्य सुरक्षा साधन (मास्क) का इस्तेमाल करें। बीमार पक्षियों के पंख, श्लेश्मा (म्यूकस) और बीट न छूएं। छू जाने की स्थिति में साबुन से तुरंत अच्छे तरीके से हाथ धोयें। संक्रमित पक्षियों व मुर्गियों को मारने के बाद उनका सुरक्षित निपटारा करें। बीमार अथवा मरे हुए पक्षी की सूचना तुरन्त निकटतम पशुपालन विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को दें। ऐसा करना जन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पक्षियों व मुर्गियों के पालनकर्त्ताओं एवं दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश
दिया गया है। अपने पक्षियों व मुर्गियों पर नजर रखें, यदि पक्षियों व मुर्गियों की आँखों, गर्दन और सिर के आस-पास सूजन है, आँखों के रिसाव हो रहा है, कलगी और टांगों में नीलापन आ रहा है, अचानक कमजोरी, पंख गिरना गढ़ रहा है और पक्षियों व मुर्गियों की हरकत में कमी आ रही है, पक्षी, मुर्गी कम आहार ले रहे हैं तथा सामान्य से अधिक संख्या में इनकी मृत्यु हो रही हो तो यह सब खतने के संकेत हैं। लक्षण मिलने पर जिले के नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों से सम्पर्क करें।