Bihar News: सिर्फ मोदी की मां ही मां क्यों?

Bihar News: बिहार के दरभंगा जिला के जाले विधानसभा क्षेत्र से मंत्री जीवेश मिश्रा किसी कार्यक्रम में गये हुआ थे। जहां एक अतिपिछड़ा दिलीप सहनी यूट्यूबर ने जब मंत्री से यह सवाल पूछा कि मंत्री जी, सड़क की स्थिति बदहाल क्यों है? इस पर ध्यान क्यों नहीं देते? जवाब देने के बजाय जीवेश मिश्रा ने उसे डांट कर भगाना चाहा। फिर

अलखदेव प्रसाद ‘अचल’

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता 

Bihar: कुछ दिनों पहले बिहार में जब महागठबंधन की ओर से वोटर अधिकार यात्रा निकाली जा रही थी, उसी दरभंगा जिले के किसी मंच पर राहुल और तेजस्वी की अनुपस्थिति में एक मोहम्मद रिजवी नाम का युवक मंच पर चढ़ा था और पता नहीं किस गुस्से में मोदी की मां को लगाकर गाली दे दिया था। जिस पर सिर्फ बिहार के भाजपाइयों ने ही नहीं, पूरे देश के भाजपाइयों ने छाती पीटना शुरू कर दिया था कि मोदी की मां का अपमान का मतलब पूरे देश के लोगों की मां अपमान है। जबकि पुलिस की जांच के अनुसार गाली देने वाला युवक न कांग्रेस का कार्यकर्ता था और नहीं राजद था। फिर भी भाजपाइयों ने आरोप लगाया था कि गाली दिलवाने के जिम्मेवार राहुल और तेजस्वी हैं।इसीलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। जब इससे भी नहीं हुआ था तो झटपट भाजपाइयों ने बिहार बंद भी कर दिया था। मां का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान जैसे नारे लगाते हुए खूब छाती पीटी थी।

महिलाओं ने भी खूब अनाप-शनाप बकी

भाजपा से जुड़ी उन महिलाओं ने भी खूब अनाप-शनाप बकी थी, जिनके मुंह उस समय बंद था, जब एक मां को मणिपुर में नंगे सड़क पर घुमाया गया था। खुलयाम उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ की गयी थी। महिलाओं के साथ बलात्कार कर उसके पैरों में कील ठोक दी गयी थी। उधर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर राजनीति करते हुए यह कहा था कि हमारी मां का अपमान का मतलब पूरे देश की मां, बहन और बेटी अपमान है। प्रधानमंत्री कौन समझाता कि किसी भी देश के प्रधानमंत्री की मां पूरे देश की मां नहीं होती है। हां, मां किसी की भी हो, उसे गाली देना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। जबकि मंच से गाली देने वाला मोहम्मद रिजवी को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया था।

भाजपा वाले सिर्फ मोदी की मां को ही मां क्यों समझते हैं?

लेकिन सवाल उठता है कि भाजपा वाले सिर्फ मोदी की मां को ही मां क्यों समझते हैं? अपनी मां को ही मां क्यों समझते हैं? दूसरे की मां को मां क्यों नहीं समझते हैं? दूसरे की मां को भरी सभा में पानी क्यों उतार देते हैं?जबकि मां तो किसी की हो, पर वह मां ही होती है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां के अपमान को देश के अपमान से जोड़ने लगे थे। इतने सम्मानित पद पर रहते हुए उन्हें क्यों समझ में नहीं आया था कि सोनिया गांधी भी किसी की मां है। फिर किस हैसियत से खुले मंच से उन्हें कांग्रेस की विधवा कहा था? विधवा पेंशन धारी कहा था? क्या वह किसी की मां का अपमान नहीं था? उस दिन उन्हें किसी की मां का अपमान समझ में क्यों नहीं आया था? जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहा था। सुनंदा पुष्कर के भी तो बाल बच्चे होंगे न? वह भी किसी की मां तो होगी न? फिर मोदी ने सुनंदा पुष्कर का अपमान क्यों किया था? बंगाल चुनाव में इसी प्रधानमंत्री ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘दीदी ओ दीदी कहकर खुले मंच से खिल्ली उड़ाई थी ,वह महिला का अपमान था या नहीं ? प्रधानमंत्री को वह सब समझ में क्यों नहीं आया था? भाजपा में महिलाओं को अपमानित करने, अपनी ही महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुष्कर्म करने, अपनी ही महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने, अन्य महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने जैसी घटनाओं की एक लंबी फेहरिस्त है, फिर भी वे लोग अपना टेटन क्यों नहीं देखते हैं और दूसरे की फुलिया निहारत फिरते हैं। पता नहीं इसमें उन्हें शर्म भी नहीं आती है।

मंत्री जीवेश ने जवाब देने के बजाय डांट कर भगाना चाहा

हाल ही में बिहार के दरभंगा जिला के जाले विधानसभा क्षेत्र में जहां भाजपा कोटे के मंत्री और उस विधानसभा क्षेत्र के विधायक जीवेश मिश्रा किसी कार्यक्रम में गया हुआ था। जहां एक अतिपिछड़ा दिलीप सहनी यूट्यूबर ने जब मंत्री से यह सवाल पूछा कि मंत्री जी, सड़क की स्थिति बदहाल क्यों है? इस पर ध्यान क्यों नहीं देते? आपने जो वादा किया था उसे पूरा क्यों नहीं किया? जवाब देने के बजाय जीवेश मिश्रा ने उसे डांट कर भगाना चाहा। फिर यूट्यूबर सवाल पर सवाल करते जा रहा था, तो जीवेश मिश्रा ने कहा कि म****** को मारो। उसे बुरी तरफ पिटाई की गई। उसका बाइट छीन लिया गया। उसका मोबाइल छीन लिया गया। जिसकी वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उल्टे मंत्री जीवेश मिश्रा ने एक साहनी जाति के ही अपने करीबी से उसपर केस करवा दिया। यूट्यूबर दिलीप सहनी का पहले तो थानेदार ने केस ही नहीं लिया। जब विरोधी दल के नेता तेजस्वी अपने दल बल के साथ थाना पहुंचे, तब जाकर केस दर्ज हुआ। जब जीवेश मिश्रा को पता चला कि तेजस्वी उसके पक्ष से थाना गए हैं, तो लौटने वाली सड़क को जेसीबी से खुदवा दिया। अपने कार्यकर्ताओं से काला झंडा दिखवाया।

मंत्री को कुछ नहीं होगा, क्योंकि उस पर प्रधानमंत्री मोदी का है

इतना कुछ करने के बाद भी जीवेश मिश्रा को कुछ नहीं होगा, क्योंकि उस पर प्रधानमंत्री मोदी का हाथ है। पर फिर वही सवाल उठता है कि क्या दिलीप साहनी की मां , मां नहीं है। मां के अपमान पर छाती पीटने वाले बेशर्म आज कहां हैं? यह भी सच है कि अगर वह यूट्यूबर अगर सवर्ण जाति का होता, तो उसके साथ जीवेश मिश्रा वैसी बदतमीजी नहीं करता। जहां कहीं भी ऐसी बदतमीजी होती है, तो पिछड़े और दलित जाति के पत्रकारों के साथ ही होती है। जो खुद भ्रष्ट आचरण के रहे हैं, जो खुद चरित्रहीन रहे हैं, उन्हें जब उलटकर जवाब दिया जाता है, तो उनके अंदर बौखलाहट पैदा हो जाती है और फिर जैसे मां के अपमान पर छाती पीटे थे, वैसे ही छाती पीटने लगते हैं। उनके ऐसे दोगलेपन चरित्र को आज बखूबी पहचान की जरूरत है।

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