Bhartiya Kisan Union News: किसानों को MSP नहीं, उद्योगपतियों को MRP असहनीय

Bhartiya Kisan Union News: किसानों की समस्या और उसके समाधान के मुद्दे को लेकर ग्राम पंचायत रौली वौरी तहसील जलालाबाद जनपद शाहजहांपुर में भारतीय किसान यूनियन(s) की अति आवश्यक बैठक संपन्न हुई।

न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता

Lucknow: किसानों की समस्या और उसके समाधान के मुद्दे को लेकर ग्राम पंचायत रौली वौरी तहसील जलालाबाद जनपद शाहजहांपुर में भारतीय किसान यूनियन(s) की अति आवश्यक बैठक संपन्न हुई। बैठक में यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौतम राणे सागर ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करते हुए बताया कि कानून बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार हैं सभी को संवैधानिक अधिकारों से परिचित कराया। हमारे देश में जब गणतंत्र है तब देश के सामान्य नागरिकों को प्रशासनिक तौर पर क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है? आगे बोलते उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने किसानों और मजदूरों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी ली है, हम अपेक्षा करते हैं कि प्रशासन किसी भी तरह से इनका उत्पीड़न नही करेगा। यदि हमारी अपील पर प्रशासन नही चेतता और अपने उत्पीड़न की मानसिकता की मनोवृत्ति की प्रवृत्ति बार बार प्रदर्शित करता है तो मजबूरन हमें अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग कर उन्हें दण्डित कराने का प्रयास करना पड़ेगा।

मिलावटखोरों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के उत्पीड़न की इजाजत नहीं

आगे बोलते हुए गौतम राणे ने कहा कि होली और दिवाली के अवसर पर मिलावटी खोवा बाजार में खुले आम बिक सके इसलिए प्रशासन के लोग ग्रामीणों द्वारा तैयार किए जा रहे है खोवे को किसानों के घरों पर छापे मारकर उनके तैयार खोवे को नालों या गड्ढ़ो में फेंक देते हैं ताकि बाजारों में उपलब्ध मिलावटी खोवे की शिनाख्त न हो पाये। जब असली सामान बाजार में उपलब्ध ही नहीं होगा तो मिलावटी सामान खाने के लिए लोग अभिशप्त होंगे। यही मिलावटी खाद्य पदार्थ कई लोगों की मौत का कारण भी बन जाता है लेकिन प्रशासन की सेहत पर इन मौतों से कोई फर्क भी नही पड़ता। मिलावटखोरों द्वारा प्रशासन की जेबें जो भरी जा रही है। कुछ पैसों के लालच में मिलावटखोरों और प्रशासन की मिलीभगत का भंडाफोड़ करने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने कमर कश ली है।

मिलावटखोरों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के उत्पीड़न की इजाजत अब नहीं दी जा सकती

गौतम ने कहा कि सरकार का यह दोहरा चरित्र कैसे बर्दाश्त किया जाय, किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने से परहेज करने वाली सरकार उद्योगपतियों को उनके उत्पादन पर अधिकतम मूल्य निर्धारित करने का छूट देती है। वादों किसानों से और दलाली उद्योग जगत की यह दोगलापन अब किसान और मजदूर वर्ग सहन नहीं करेगा। यदि सरकार अपनी नीति से बाज नहीं आती तो हमें सर्वाधिकार आंदोलन चलाना पड़ेगा। हम किसी भी तरह के किसान और मजदूर के उत्पीड़न को हरगिज सहन नहीं कर सकते!

बैठक में ये थे उपस्थित

बैठक में जिलाध्यक्ष राशिद मंसूरी, अहमद रज़ा, सफी उल्लाह मंसूरी, डा साजिद मंसूरी, डॉ नाजिम मंसूरी, जगवीर सिंह गुर्जर, रंजीत सिंह, जगदीश सिंह, योगेंद्र सिंह, तस्वीर अली, वारिश अली, आस मोहम्मद इत्यादि लोगों ने अपने अपने विचार रखे. कार्यकर्ताओं में ग़ज़ब का जोश देखने को मिला.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *