Ranchi Conj News: पूर्व मुख्यमंत्री की जुबान से अवैध DGP कहना लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला—-अलोक दुबे

Ranchi Conj News: अलोक कुमार दुबे ने कहा—बाबूलाल मरांडी के आरोप बेबुनियाद, सबूत हो तो अदालत में पेश करें, भाजपा के पास तथ्य नहीं, सिर्फ़ कहानियाँ, जनता गुमराह नहीं होगी।

 

न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता

Ranchi : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य पुलिस पर लगाए गए ताज़ा आरोपों पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अलोक कुमार दुबे ने तीखा पलटवार किया है। दुबे ने कहा कि भाजपा नेताओं की राजनीति अब जनता की समस्याओं और जमीनी मुद्दों से कट चुकी है। यही कारण है कि वह आए दिन झूठ और कल्पना पर आधारित बयान देकर राज्य की राजनीति को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। अलोक दुबे ने कहा कि भाजपा का पूरा प्रयास सिर्फ़ यह दिखाना है कि झारखंड में विकास का काम रुक गया है, जबकि सच्चाई यह है कि मौजूदा सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान कल्याण और युवाओं के रोजगार में लगातार सकारात्मक काम किया है। “भाजपा नेताओं को यह हजम नहीं हो रहा कि जनता ने उन्हें नकार दिया और गठबंधन सरकार पर भरोसा जताया। अब झूठे आरोप लगाकर जनता के मन में संशय पैदा करने की नाकाम कोशिश हो रही है।

ठोस सबूत हैं तो वे उन्हें सामने क्यों नहीं रखते?

महासचिव ने सवाल उठाया कि यदि बाबूलाल मरांडी के पास वाकई कोई ठोस सबूत हैं तो वे उन्हें सामने क्यों नहीं रखते? “कभी वायरल ऑडियो का हवाला, कभी मनगढ़ंत कहानी, कभी बिना दस्तावेज के गम्भीर आरोप—क्या यही जिम्मेदार विपक्ष की राजनीति है? मरांडी जी को बताना चाहिए कि जब वे खुद मुख्यमंत्री थे तब झारखंड में फैले भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर उन्होंने क्या कार्रवाई की थी। भाजपा अपने अतीत को छिपाकर आज नैतिकता का ठेका नहीं ले सकती।” दुबे ने कहा कि राज्य की जनता भाजपा की इस चाल को समझ चुकी है। उन्होंने तंज कसा, “मरांडी जी बार-बार नए पात्रों के नाम लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, जैसे कोई सीरियल की स्क्रिप्ट हो। लेकिन जनता अब इस ‘राजनीतिक धारावाहिक’ से ऊब चुकी है। लोग रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की बात चाहते हैं, न कि आरोपों की थाली।”

याचिका देकर अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत करें

अलोक कुमार दुबे ने विशेष रूप से “अवैध DGP” कहने वाले आरोप को संवेदनशील और संवैधानिक रूप से घातक करार दिया। दुबे ने कहा कि किसी भी पुलिस अधिकारी की नियुक्ति और वैधता से संबंधित आरोप सीधे तौर पर संविधान, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों और केंद्र/राज्य के नियमों से जुड़े हैं, इसलिए ऐसे दावों को केवल लोकलुभावन बयानबाजी तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। दुबे ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री या किसी भी नेता के लिए उचित यह होगा कि वे तथ्यों, तारीखों और साक्ष्यों के साथ न्यायालय या सक्षम प्राधिकरण को पत्र या याचिका देकर अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत करें—केवल बयानबाज़ी कर देना समस्या का समाधान नहीं है। यदि किसी ने वास्तव में नियमों का उल्लंघन किया है, तो उसे हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट, राज्य गवर्नर, या केंद्रीय एजेंसियों (जैसे CBI, या आवश्यक प्रक्रिया के तहत UPSC/MHA से संबंधित टिप्पणियाँ) के समक्ष औपचारिक तौर पर चुनौती दी जा सकती है; वही प्रणालीकृत और पारदर्शी मार्ग है जिससे किसी भी नियुक्ति की वैधता की जांच हो सकती है।

आरोपों के पीछे असली वजह सत्ता की भूख

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भाजपा के आरोपों के पीछे असली वजह सत्ता की भूख है। उन्होंने कहा, “भाजपा को डर है कि अगर मौजूदा सरकार की नीतियाँ इसी तरह लागू होती रहीं तो उनकी राजनीति का आधार ही खत्म हो जाएगा। इसलिए वे बार-बार प्रदेश की छवि को धूमिल करने वाले बयान दे रहे हैं। लेकिन झारखंड की जनता अब जागरूक है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति को पूरी तरह नकार चुकी है। अंत में दुबे ने साफ कहा कि कांग्रेस और गठबंधन सरकार जनता की सेवा और विकास के एजेंडे पर अडिग है। “हमारे लिए सत्ता साधन नहीं, सेवा का माध्यम है। भाजपा जितनी भी साजिश कर ले, न तो सरकार का काम रुकेगा और न ही जनता का विश्वास डगमगाएगा।

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