DPS Bokaro News: सीबीएसई उत्कृष्टता केंद्र के प्रमुख ने सशक्त युवा पीढ़ी तैयार करने पर दिया जोर।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता Bokaro: ’हमारे देश के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। उनकी ऊर्जा को सकारात्मक रूप में सही दिशा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आधार-स्तंभ है। क्वालिटी एजुकेशन से ही हम हुनरमंद एवं स्वावलंबी युवा पीढ़ी तैयार कर सकते हैं और इसके लिए कुशल एवं प्रशिक्षित शिक्षक अत्यंत आवश्यक हैं। तभी हम विकसित राष्ट्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे। यह कहना है सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के उत्कृष्टता केंद्र (सीओई), पटना के प्रमुख रवि प्रकाश का।’ डीपीएस बोकारो में आयोजित वरिष्ठ शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शनिवार को एक खास बातचीत में उन्होंने ये बातें कहीं।
शिक्षा नीति 2020 सरकार की दूरदर्शी सोच का है परिणाम रवि प्रकाश ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करने में यह नीति सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं और इसे देखते हुए अभी से ही उन्हें तैयार करने के लिए इस नीति पर अमल कर दिया गया है, ताकि कल सुनहरा हो सके। उन्होंने कहा कि आज बदलते समय के साथ हमारे बच्चे धीरे-धीरे अपनी संस्कृति व परंपरा से दूर होते चले जा रहे हैं। यह सही नहीं है। हमारी संस्कृति ही हमारे देश की अमूल्य विरासत रही है। विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से अपनी संस्कृति, अपनी मातृभाषा तथा प्रकृति से जोड़ते हुए एक ऐसा रोजगारोन्मुखी अवसर प्रदान करना है, जिससे कि वे आगे चलकर एक सफल नागरिक बन सकें।
छोटे-छोटे प्रयासों से ही हम बड़ी उपलब्धि कर सकते हैं हासिल एक सवाल के जवाब में श्री प्रकाश ने कहा कि जब तक समाज आत्मनिर्भर नहीं बनेगा, देश आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। छोटे-छोटे प्रयासों से ही हम एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। इसके लिए कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई और एनसीईआरटी मिलकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को क्रियान्वित करने की दिशा में सतत प्रयासरत है। लगातार शिक्षकों एवं रिसोर्स पर्सन के रूप में काम कर रहे उनके प्रशिक्षकों का भी व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कुशल एवं प्रशिक्षित शिक्षक ही धरातल पर नई शिक्षा नीति को उतारने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
भटकाव से बचने के लिए नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सीओई प्रमुख ने कहा कि आज के बच्चों को भटकाव से बचने के लिए यह आवश्यक है कि उनमें नैतिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। नई शिक्षा नीति में इस पर भी विशेष बल दिया गया है, लेकिन धरातल पर बच्चों के अभिभावकों को इस दिशा में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देना चाहिए। अभिभावक अपने बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें। उनके साथ समय व्यतीत करें तथा उन्हें मोरल एजुकेशन के माध्यम से सही और गलत की जानकारी देते रहें। इसके साथ-साथ बच्चों को प्रकृति से भी जोड़े रखना जरूरी है। ध्यान-अध्यात्म आदि से भी उन्हें जोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने अपनी क्षमता व प्रदर्शन में सुधार के लिए आत्म-विश्लेषण को भी आवश्यक बताया।