Vijendra Anil Jayanti: भोजपुरी के सुविख्यात साहित्यकार, कथाकार, व जनगीतकार स्व विजेन्द्र अनिल की मनाई गयी 80वीं जयंती

Vijendra Anil Jayanti: जनकवि विजेन्द्र अनिल की 80वीं जयंती पर जन संस्कृति मंच की चास-बोकारो इकाई की ओर से सांस्कृतिक गोष्ठी का आयोजन चीरा चास स्थित शीलवंती पासवान के आवास पर 21 जनवरी को किया गया।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: हिन्दी और भोजपुरी के सुविख्यात साहित्यकार, कथाकार, जनगीतकार एवं जनकवि विजेन्द्र अनिल की 80वीं जयंती पर जन संस्कृति मंच की चास-बोकारो इकाई की ओर से सांस्कृतिक गोष्ठी का आयोजन चीरा चास स्थित शीलवंती पासवान के आवास पर 21 जनवरी को किया गया। कार्यक्रम में शहर के अनेक वामपंथी व प्रगतिशील धारा के साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी व सामान्य नागरिक उपस्थित थे। सबसे पहले स्व. बिजेंद्र अनिल के चित्र पर शीलवंती पासवान ने माल्यार्पण किया गया। उसके बाद उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर जनकवि के प्रति अपनी भावांजलि अर्पित की।
स्व. विजेन्द्र के व्यक्तित्व व कृतित्व पर डाला गया प्रकाश
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उनके छात्र रह चुके ओमराज अज्ञानी ने स्व. विजेन्द्र अनिल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। शीलवंती पासवान ने स्व. बिजेंद्र अनिल द्वारा लिखा गया एक अति लोकप्रिय गीत “लिखने वालों को मेरा सलाम, पढ़ने वालों को मेरा सलाम“ अपने सुललित स्वर में गाकर सुनाया। गोष्ठी में आरपी वर्मा ने विस्तार से स्व. बिजेंद्र अनिल द्वारा लिखित साहित्य पर चर्चा करके सबका ध्यान आकर्षित किया। डीडी राम ने दिवंगत कवि के भोजपुरी जनगीतों पर विशेष रूप से अपनी बात रखी। उन्होंने यह जोर देकर कहा कि भोजपुर के जन आंदोलनकारियों द्वारा उनके गीत हर सभा, सम्मेलनों में गाये जाते रहे हैं। वे गीत इतने लोकप्रिय हो चुके थे कि खेत में काम करने वाले किसानों से लेकर मवेशी चराने वाले चरवाहे तक उन गीतों को गाया करते थे, गुनगुनाया करते थे। अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन प्रिय रंजन कुमार ने किया। मौके पर समाजसेवी शिव सेवक राम सहित अन्य मौजूद थे।

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