महोत्सव : करम परब है झारखंडी संस्कृति का अभिन्न अंग, बचाए रखना सब का है दायित्व
बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के कुड़मालि भाखिचारि आखड़ा पिरगुल की ओर से शुक्रवार को पुरूब चीरा टांड़ में करम परब महोत्सव का आयोजन किया गया। आखड़ा में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से सुप्रसिद्ध लोक गायक गोविंद लाल हस्तुआर और रांची जिले के सिल्ली से आयी अम्बा महतो व दिनेश महतो की झूमर टीम ने एक से बढ़कर एक पारंपरिक करम गीतों की प्रस्तुति कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कुड़मालि भाखि चारि आखड़ा के जानकार पांडव पुनरिआर ने कहा कि करम परब मूल रूप से झारखंडी संस्कृति का अभिन्न अंग है। करम परब जीवन का सृजन उत्पत्ति और कर्मठता का संदेश देता है। अपनी भाखि चारि पर किसी भी प्रकार का बाहरी अतिक्रमण होने से बचाए रखना हम सब का दायित्व है, तभी हमारी संस्कृति की पहचान सुरक्षित रह पायेगी। इस अवसर पर कलाकारों को सम्मानित किया गया। मौके पर अखिलेश्वर महतो, अरविंद महतो, गोवर्धन महतो, मनोज महतो, शंकर महतो, बिंदेश्वर महतो, तुलसी महतो, देवेंद्र महतो, अनिल कुमार महतो, देवीलाल महतो, मधुसूदन महतो, मनोहर महतो, सुरेश महतो, सिमती महतो, करुणा महतो, शंकर हिन्दइआर, मानू देव गुलिआर, अनंत महतो, मिथिलेश महतो केटिआर, सहदेव झारखंडी, माटी चित्रकार भुवनेश्वर महतो, अशोक महतो, जगदीश महतो, दुर्गा महतो, देवेंद्र महतो सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।