Art Festival in Ranchi: राज्यस्तरीय कला महोत्सव का रंगारंग आगाज, 24 जिलों के 641 प्रतिभागी अपनी कला का करेंगे प्रदर्शन

Art Festival in Ranchi: स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम ’कला महोत्सव’ की 3 दिसंबर से रांची के रातू स्थित झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में शुरुआत की गयी। छह कला विधाओं में प्रतिभागी दो दिनों तक बिखेरेंगे प्रतिभा के रंग।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Ranchi: स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम ’कला महोत्सव’ की 3 दिसंबर से रांची के रातू स्थित झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में शुरुआत की गयी। माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए दो दिनों तक चलने वाले कला महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन मौजूद रहे। उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख सहित अन्य मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरआत गिरिडीह की छात्राओं द्वारा ’मन की वीणा’ संगीत के साथ की गयी। छात्राओं की ममोहक प्रस्तुति के बाद पद्मश्री मधु मंसूरी ने ’झारखंड कर कोरा’ गीत प्रस्तुत कर समा बांध दिया।
समारोह के दौरान राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें अपनी कलात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित कर भविष्य में उसे एक करियर विकल्प के रूप में निखारने की सलाह दी। उन्होंने अपने जीवन का उदहारण देते हुए प्रतिभागियों को देश की सबसे कठिन परीक्षा ’संघ लोक सेवा आयोग’ में भी कलात्मक प्रतिभाओं के महत्त्व पर प्रकाश डाला। शशि रंजन ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा के अनुरूप कला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसका बच्चों में समग्र और व्यापक शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान है।

कला को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग प्रतिबद्ध है : धीरसेन सोरेंग
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन सोरेंग ने कहा कि राज्य सरकार का शिक्षा विभाग और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद कला को प्रोत्साहित करने हेतु प्रतिबद्ध है। कला महोत्सव भाषा, संस्कृति और स्थानीय प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए एक बेहतरीन मंच है। हमारी कला संस्कृति हमारी धरोहर है, हमारा कर्तव्य है कि हम इसे जीवन पर्यन्त भर कर रखे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में राष्ट्रीय कला महोत्सव में झारखंड ने 10 में से 3 पदक अपने नाम किया था। हमारी कोशिश है कि हम इस वर्ष भी राष्ट्रीय कला महोत्सव में अधिक से अधिक पदक झारखण्ड को दिला पाए।

शराब पीकर कला का प्रदर्शन करना भारतीय संस्कृति का है अपमान

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मधु मंसूरी ने कहा कि आज कल शराब पीकर कला का प्रदर्शन करना एक फैशन बन गया है। यह ना केवल कला संस्कृति का बल्कि भारतीय भूमि का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि कला के प्रदर्शन और उसे सीखने में व्यस्त रहना हमें स्वस्थ जीवन और सुख देता है। हमें कला संस्कृति को प्रोत्साहित करना चाहिए, ना की कला संस्कृति का नाम लेकर कुरीतियों की संगत में आना चाहिए।

विजेताओं को मिलेगा नकद इनाम, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व का मौका

राज्यस्तरीय कला महोत्सव में कुल छह कला विधाओं में विजेताओं को प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। इनमे शास्त्रीय संगीत, संगीत वादन, नृत्य, थियेटर, दृश्य कला और पारंपरिक कहानी वाचन शामिल है। इन विधाओं के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 25,000, 20,000 और 15000 रुपये का नकद इनाम मिलेगा। साथ ही इन्हें प्रमाण पत्र भी मिलेगा। विजेता प्रतिभागियों को नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कला महोत्सव में झारखण्ड का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर जेसीईआरटी के उपनिदेशक प्रदीप चौबे, एसडीईओ नवीन बारा शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *