Binod Bihari Mahato Death anniversary: अगल झारखंड आंदोलन के पुरोधा स्व बिनोद बिहारी की पुण्यतिथि शहर से गांव तक मनाई गयी। लोगों ने उनके नीति व सिद्धांतों पर चलने का लिया संकल्प।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: अगल झारखंड आंदोलन के पुरोधा स्व बिनोद बिहारी की पुण्यतिथि (Binod Bihari Mahato Death anniversary) शहर से गांव तक मनाई गयी। सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजलि दी। साथ ही बिनोद बाबू की जीवनी पर प्रस्तुति के साथ उनके नीति व सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया गया। हवाई अड्डा के समीप झामुमो नेता विश्वनाथ महतो के नेतृत्व में भारी संख्या में लोगों ने स्व. बिनोद बिहारी महतो के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
सोनाबाद व रामडीह में लोगों ने मनाई पुण्यतिथि
चास प्रखंड के सोनाबाद व रामडीह मोड़ बिनोद बिहारी महतो स्टेडियम में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में स्व. बिनोद बिहारी महतो को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। आदमकद प्रतिमा में माल्यार्पण करते हुए उनके नीति व विचारों पर चलने का संकल्प लिया गया। आंदोलनकारियों ने एक स्वर में कहा कि बिनोद बाबू के बताए मार्ग में ही चलकर ही आंदोलनकारिओं को हक और अधिकार मिलेगा। हक पाने के लिए सभी आंदोलनकारियों को एक मंच में आकर लड़ना होगा। इस मौके पर मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजदेव माहथा, हाबूलाल गोराई, पार्वती चरण महतो, संतोष कुमार सिंह, नंदराज महतो, खगेन्द्र नाथ वर्मा सहित अन्य शामिल थे।
पढ़ो और लड़ों नारा पर आज भी काम करने की जरूरत
पिंड्राजोरा गवाई डैम में स्थापित बिनोद बिहारी महतो की मूर्ति पर पंचायत के मुखियाओं ने माल्यार्पण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस दौरान मुखियाओं ने बिनोद बाबू के नीति, सिद्धांत व विचारों पर चलने की बात कही। साथ ही उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया। मुखियाओं ने कहा कि उनकी बनाई रूप रेखा और आंदोलन से झारखंड अलग राज्य बन पाया। स्व. बिनोद महतो ने पढ़ो और लड़ो का नारा दिया। आज भी इसी दो शब्द से समाज की दशा और दिशा बदली जा सकती है। अवसर पर मुखिया मुखिया गुलाम अंसारी, कृष्ण पद महतो, पूरण चंद्र महतो, राज कुमार गोप, लंबोदर महतो, युधिष्ठिर महतो, घोषाल महतो सहित अन्य शामिल रहे।