Crime News: बिसरा की जांच से खुलेगा कैदी औरंगजेब की मौत का राज
Crime News: आर्म्स एक्ट का सजायाफ्ता कैदी था औरंगजेब, धनबाद जेल से स्थानांतरित होकर तेनुघाट उपकारा में था कैद, डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने किया शव का पोस्टमार्टम, बिसरा की जांच से खुलेगा की मौत का राज।
शैलेशचंद्र ददन
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro/Tenughat : अब बिसरा की जांच से कैदी औरंगजेब अंसारी की मौत का राज खुलेगा। औरंगजेब आर्म्स एक्ट का सजायाफ्ता कैदी था। वह धनबाद जेल से स्थानांतरित होकर तेनुघाट उपकारा में कैद था। तेनुघाट जेल प्रशासन के अनुसार बीमार पड़ने पर स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए गुरुवार की रात बोकारो सदर अस्पताल एम्बुलेंस से भेजा गया था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। उसके बाद डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया और बिसरा को सुरक्षित रखकर जांच के लिए रांची भेजा गया। शव का पोस्टमार्टम अनुमंडलीय अस्पताल चास में तीन चिकित्सकों डीएस डॉ. आभा इंदु तिर्की, डॉ. रवि शेखर एवं डॉ. श्वेता की टीम ने किया। मौत की वजह जानने के लिए टीम ने बिसरा को जांच के लिए रांची भेज दिया। अब बिसरा जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत का मुख्य कारण पता चल पाएगा।
अचानक तबीयत हो गई थी खराब
जेल प्रशासन के अनुसार तेनुघाट उपकारा के कैदी मोहम्मद औरंगजेब अंसारी की तबीयत अचानक गुरुवार को खराब हो गई थी, तब उसे तेनुघाट स्थित अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे बोकारो सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल पहुंचने पर जांच-पड़ताल के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार ने मौत की पुष्टि कर दी। उसके बाद गुरुवार की रात को ही शव का पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों की टीम ने किया था।
औरंगजेब को छह साल की हुई थी सजा
तेनुघाट जेल के जेलर नीरज कुमार ने बताया था कि औरंगजेब को प्रशासनिक आधार पर धनबाद से तेनुघाट उपकारा भेजा गया था। आर्म्स एक्ट के एक मामले में औरंगजेब को छह साल की सजा हुई थी। साथ ही उस पर अन्य मुकदमा भी चल रहा था। 16 अगस्त को अचानक उसके पेट में दर्द हुआ। उसका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट के डॉ. शंभु कुमार ने किया और उसे तेनुघाट जेल के अस्पताल वार्ड में रखा गया था। गुरुवार की सुबह अचानक उसकी छाती में दर्द हुआ था और वह बेहोश हो गया। उसके बाद उसे अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट भेजा गया, जहां से प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए बोकारो सदर अस्पताल भेजा गया। बोकारो सदर अस्पताल के चिकित्सक के अनुसार रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी।