Bokaro Shankar Ravani Murder : ठेकेदारी के वर्चस्व में हुई थी शंकर रवानी की हत्या, 10 लाख में हत्या का सौदा था तय, शूटर को पकड़ने की तैयारी

Bokaro Shankar Ravani Murder: बोकारो पुलिस ने चर्चित शंकर रवानी हत्याकांड का किया खुलासा, ठेकेदारी के वर्चस्व में हुई थी हत्या, हत्या के लिए 10 लाख में तय हुआ था सौदा, शूटरों की गिरफ्तारी के लिए चल रही छापेमारी।

Bokaro : बोकारो पुलिस ने चर्चित शंकर रवानी हत्याकांड का खुलासा कर पर्दा उठा दिया है। लेकिन शूटर को पकडने की तैयारी में पुलिस फिलहाल जुटी हुई है।
शनिवार को शहर के सेक्टर 9 स्थित हरला थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी पूज्य प्रकाश ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
18 जुलाई को शंकर रवानी की हत्या ऐश पौंड में ठेकेदारी के काम में वर्चस्व के लिए किया गया था। घटना को अंजाम देने के लिए राजू दूबे ने अशोक सम्राट के साथ मिलकर साजिश रचा।
शूटरों से 10 लाख में सौदा तय
बिहार के अमित मुखिया से संपर्क कर शूटरों से 10 लाख सौदा तय किया गया। इसके बाद राजू दूबे ने प्रतिद्वंदी शंकर रवानी की बिहार के शूटरों की मदद से गोली मरवाकर हत्या करवा दी। घटना को अंजाम देने के लिए राजू ने महुआर के प्रक्षित सिंह उर्फ राजा, श्याम कुमार रवानी, अमीत कुमार रवानी को रैकी पर लगाया। रैकी में शामिल अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया गया। अशोक सम्राट की निशानदेही पर कांड में प्रयुक्त सभी सामान जब्त किये गये। फिलहाल एसआइटी टीम शूटरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। बीते 11 नवंबर 2023 को भी अशोक सम्राट ने ही शंकर पर गोली चलवायी थी। इसमें शंकर बाल-बाल बच गया था। मौके पर सिटी डीएसपी आलोक रंजन, हरला इंस्पेक्टर अनिल कच्छप, बीएस सिटी इंस्पेक्टर सुदामा कुमार दास सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

हत्या के लिए सौदेबाजी
एसपी ने बताया कि महुआर के राजू दूबे ने शंकर की हत्या कराने के लिए अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट से संपर्क किया। 10 लाख में हत्या का सौदा तय हुआ। राजू दूबे ने दो लाख पहले दे दिया। इसके बाद चास निवासी अशोक सम्राट ने बिहार के अमित मुखिया से संपर्क किया। अमित मुखिया ने शूटर विकास, शिपुल महतो व बिट्टू महतो के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की। सभी शूटर बिहार के मोकामा (शूटर अचीता थाना के ओटा निवासी) के रहनेवाले हैं। हत्या की रणनीति बनाकर शूटर ने अशोक सम्राट से संपर्क किया। रैकी करनेवाले से पल-पल की जानकारी ली। तारापीठ से बोकारो आने के क्रम में शंकर की हत्या करनी थी। लेकिन शंकर बोकारो आ गया। शूटर धनबाद में रूक गये। अहले सुबह बोकारो पहुंचे और पूरी जानकारी ली।
जांच में तकनीकी साक्ष्य शामिल
एसपी ने बताया कि रैकी करनेवाले के इशारे पर हत्यारों ने शंकर की हत्या 18 जुलाई की सुबह सेक्टर नौ हटिया मोड के समीप करने के बाद भाग निकले। शंकर के भाई के बयान पर हरला थाना में 18 जुलाई को मामला दर्ज कर अनुशंधान शुरू कर दिया गया था। बताया जाता है कि सभी शूटर फिलहाल बिहार में है। सभी की पहचान कर ली गयी है। कांड के उदभेदन के लिए सिटी डीएसपी आलोक रंजन के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया। अनुसंधान में तकनीकी साक्ष्य व मानवीय सूचना को शामिल कर संभावित विभिन्न ठिकानों पर लगातार छापामारी किया गया। पुलिस के बढते दबिश के कारण राजेंद्र दूबे उर्फ राजू दूबे व अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट की गिरफ्तारी हुई।

शूटरों को सात साल से तलाश रही है पटना एसटीएफ
एसपी श्री प्रकाश ने बताया कि शंकर की हत्या के बाद हर माह राजू दूबे द्वारा पांच लाख रूपये देने की बात हुई थी। यह रकम ऐश पौंड की कमाई से हिस्सा देना था। साथ ही 20 गाडी लगवाने की भी बात कही गयी थी। शंकर पहले बीएसएल में ठेकेदारी करता था। ठेकेदारी के दौरान शंकर से रंगबाजी मांगी जाने लगी। इसके बाद शंकर खुद इस धंधे में उतर गया। धीरे-धीरे शंकर प्रतिद्धंदी बन गया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गयी। कुख्यात भोला के लिए शूटर शिपूल महतो, विकास व बिट्टू काम करते थे। एक वक्त ऐसा आया कि भोला की ही हत्या उन्हीं के शूटरों शिपूल, विकास व बिट्टू ने पैसे लेकर कर दी। फिलहाल सभी शूटरों को पटना एसटीएफ सात साल से तलाश रही है।
अपराधियों के पास से ये किये गये जब्त
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों से अपराध से जुडे सामान बरामद किया गया। इसमें एक टीवीएस अपाची मोटरसाईकिल चेचिस -एमडी634एइ86एम2इ02701 इंजन-एइ8इएम2502663, एक सेवेरलेट कंपनी का कार बीट (जेएच09वी-4374), एक काला रंग का स्कार्पियो (जेएच01बीबी-9206), स्मार्ट मोबाईल फोन सैमसंग एक पीस, रियलमी एक पीस, वीवो एक पीस, आईक्यूओओ एक पीस, सैमसंग एक पीस, ओप्पो एक पीस, बीएसएल प्रशासनिक भवन का इंट्री पास।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व एड्रेस
पुलिस की एसआइटी टीम ने राजेंद्र दूबे उर्फ राजू दूबे (महुआर, थाना हरला), अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट (गुरुद्वारा कालोनी पजाबी मुहल्ला, थाना चास), प्रक्षित सिंह उर्फ राजा, (महुआर, थाना हरला), श्याम कुमार रवानी (महुआर, थाना हरला), अमीत कुमार स्वानी (महुआर, थाना हरला) को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार अपराधियों का अपराधिक इतिहास
एसपी प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों का इतिहास अपराधिक है। अशोक कुमार सिंह उर्फ अशोक सम्राट पर कुल चार कांड दर्ज है। इसमें सेक्टर 4 थाना में कांड संख्या 164/13- आर्म्स एक्ट, बालीडीह थाना में कांड संख्या 32/2003, चास थाना में कांड संख्या 56/2002, टीटानगर थाना में कांड संख्या एसटी- 475/01- आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है। राजेंद्र प्रसाद दूबे उर्फ राजू दूबे पर कुल चार कांड दर्ज है। इसमें तीन कांड हरला थाना (कांड संख्या 88/22, कांड संख्या 09/23, कांड संख्या 68/24) में दर्ज है, जबकि एक कांड सेक्टर चार एससी/एसटी थाना में कांड संख्या – 26/22 दर्ज है। इसके अलावे शंकर रवानी की घटना मे शामिल अन्य अपराधियो के विरुद्ध बिहार राज्य में कई संगीन मामले दर्ज है। साथ ही मृतक शंकर रवानी के विरुद्ध हरला थाना व अन्य थानों में छह कांड दर्ज है। लोकसभा चुनाव को लेकर जिला बदर था।
छापेमारी दल में ये पुलिस अधिकारी व जवान थे शामिल
छापामारी दल में सिटी डीएसपी आलोक रंजन, प्रशिक्षु डीएसपी अमरेन्द्र कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी प्रशांत कुमार, हरला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कच्छप, बीएस सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुदामा कुमार दास, सेक्टर चार थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजय कुमार, बालीडीह थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार, सेक्टर 12 इंस्पेक्टर सुभाष चन्द्र सिंह, पुअनि प्रभात कुमार, पुअनि श्रीनिवास कुमार सिंह, पुअनि धमेंद्र कुमार महतो, पुअनि संजय कुमार राय, पुअनि अमरजीत कुमार, पुअनि रवि कुमार, पुअनि धनंजय कुमार, पुअनि सुरेश यादव, पुअनि कपिलमुनी राम, पुअनि सुनील कुमार सिंह, सअनि अजय प्रसाद, सअनि उमेश कुमार, सअनि सुरेश रविदास, सशस्त्र बल व तकनीकी कोषांग के पदाधिकारी शामिल थे।

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