Ranchi News: आइसा के सदस्यों ने एनटीए द्वारा ली जा रही नीट परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई धांधली व परिणाम के अंकों और रैंकिंग में हेरफेर करने के खिलाफ बीते 10 जून 2024 को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया गया।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Ranchi : ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा ) के सदस्यों ने एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) द्वारा ली जा रही नीट परीक्षा (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में बड़े पैमाने पर हुई धांधली व परिणाम के अंकों और रैंकिंग में हेरफेर करने के खिलाफ बीते 10 जून 2024 को झारखंड की राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया गया। बताते चलें कि नीट परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें 23 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा का परिणाम 14 जून को आना था, लेकिन यह परिणाम 10 दिन पहले ही जल्दबाजी में 4 जून, 2024 को ही घोषित कर दिया गया। रिजल्ट में गडबड़ी से लाखों युवाओं का भविष्य हो रहा बर्बाद मालूम हो कि पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक की खबर और अब रिजल्ट में गड़बड़ी से देश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, देश के युवाओं को सरकार से इसका जवाब चाहिए। एक तरफ एनटीए पेपर लीक से साफ मना करता दिखाई दे रहा है, दूसरी तरफ बिहार में 13 लोगों को नीट पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार किया है ये कैसे संभव है? हर साल टॉप स्टूडेंट्स में केवल 2, 3 या कभी 4 ही टॉप स्टूडेंट्स आते थे, लेकिन इस बार 67 छात्र 720 नंबर में से पूरे 720 नंबर ला कर टॉप लिस्ट में हैं, इनको भी दिल्ली एम्स में दाखिला नहीं मिल सकता। एक और गलती यह हैं कि परीक्षा में प्रश्न और अंक पेटर्न के हिसाब से 717, 718 या 719 अंक संभव नहीं है, जो परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद देखने को मिला। इस बार कटऑफ उतना ज्यादा है कि जो छात्र छात्राएं साल भर घंटों पढ़ाई करते रहे हैं हजारों लाखों फीस देते रहे हैं उनका भविष्य तो लटक गया, अंधेरे में उनके भविष्य का क्या होगा।
एक ही इंस्टीट्यूट के कई छात्र टॉपर एक ही इंस्टीट्यूट के कई छात्र टॉपर बन गए हैं। विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना था कि हम किसी छात्र की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहे सवाल है कि अचानक देश में इतने टॉपर कैसे बन गए? जो छात्र मेहनत कर 650 ला रहे हैं उनका भविष्य कहां जायेगा? क्या इस तरह की व्यवस्थाओं के लिए देश मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है? जो भारत को विश्वगुरु बनाने का डींग हांक रही है। वहीं एनटीए किसी भी सवाल पर स्पष्ट जवाब देने से बच रहा है। मोदी राज के 10 सालों में देश की तमाम संस्थाएं क्या कोई भी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने में अक्षम नहीं है? लगातार हर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, नीट का पेपर लीक अब परिणाम में धांधली सामने आती रही हैं। सरकार इसपर लगाम लगाने में बिल्कुल नाकामयाब रही है।
आइसा की मांग ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन मांग करती हैं कि एनटीए द्वारा नीट परीक्षा और नतीजों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ तथा नीट के परिणामों की उच्च स्तरीय जांच हो, सभी परीक्षाओं को एनटीए को आउटसोर्स करना बंद हो। सीयूइटी यूजी, पीजी, नेट परीक्षा और अन्य सभी परीक्षाओं को एनटीए के माध्यम से आयोजित करना बंद हो, विश्वविद्यालयों को अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी जाए। नीट यूजी के लिए पुनः परीक्षा सुनिश्चित की जाए। एनटीए को कोचिंग माफियाओं के चंगुल से बाहर करवाई जाए। नीट के नतीजों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच हो। सभी दोषियों के व दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। विरोध प्रदर्शन में झारखंड प्रदेश आइसा के पूर्व अध्यक्ष मो. सोहेल, झारखंड आइसा के राज्य सदस्य मो.समी, सोनाली केवट, मीडिया प्रभारी विजय कुमार, सत्य प्रकाश, अभय के साथ-साथ अन्य आइसा शामिल थे।