DPS Bokaro: डीपीएस में ’फुलवारी’ के जरिए विद्यार्थियों ने दिखाया प्रकृति प्रेम, 2000 से अधिक वानस्पतिक प्रजातियों की प्रदर्शनी

DPS Bokaro: दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो में शुक्रवार को ’फुलवारी’ नामक पुष्प-वनस्पति प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का किया गया आयोजन। महाप्रबंधक एनपी श्रीवास्तव ने कहा—रंगों से भरी है प्रकृति, बनाए रखें इसका सौंदर्य।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro : दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS Bokaro), बोकारो में शुक्रवार को ’फुलवारी’ नामक पुष्प-वनस्पति प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यालय की सीनियर व प्राइमरी इकाई में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लेकर अपने प्रकृति-प्रेम का परिचय दिया।

वसुधैव कुटुम्बकम की थीम पर पृथ्वी की अनुकृति

रंग-बिरंगे गमलों में सुंदर साज-सज्जा के साथ उन्होंने अपने प्रदर्श प्रस्तुत किए। भांति-भांति के फूल, मौसमी फल, औषधीय व सजावटी पौधे, बोनसाई व सब्जी सहित विभिन्न कैटेगरी में बच्चों ने 2000 से अधिक वानस्पतिक प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाई। इसके जरिए उन्होंने गमलों में उन्नत वानिकी-कला का प्रदर्शन करते हुए प्रकृति व धरा के संरक्षण का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने इनसे संबंधित अपनी भावनाएं भी लिखकर प्रकट कीं। उनका प्रकृति-प्रेम और बागवानी-कला में उनकी निपुणता उनके प्रदर्शों के जरिए स्पष्ट प्रतिबिंबित हो रहे थे। इस वनस्पतीय विविधता के बीच वसुधैव कुटुम्बकम की थीम पर पृथ्वी की अनुकृति, फूलों की रंगोली, जागरुकतापरक नारे आदि कार्यक्रम की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।

प्रकृति रंगों से भरी है, सब है अनमोल
विद्यालय के ‘गो ग्रीन इनिशिएटिव’ के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बोकारो इस्पात संयंत्र में पर्यावरण, जलवायु एवं सस्टेनेबिलिटी (ईसीएस) विभाग के महाप्रबंधक एनपी श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने बारी-बारी से हरेक कैटेगरी में लगाए गए प्रदर्शों का अवलोकन किया और डीपीएस बोकारो द्वारा उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ बच्चों को प्रकृति से जोड़े रखने के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रकृति रंगों से भरी है। इसका दिया कुछ भी व्यर्थ नहीं, सब अनमोल हैं। बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए उन्होंने उनसे धरा-संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता का आह्वान किया। श्री श्रीवास्तव ने कचरा-मुक्त विद्यालय, समाज व शहर बनाने के निमित्त बच्चों से अपने घरों में गीला व सूखे कचरे के सही निस्तारण की अपील की, ताकि कचरे से जैविक खाद भी बनाया जा सके।

फुलवारी का उद्देश्य बच्चों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा कि फुलवारी का उद्देश्य बच्चों को प्रकृति की रक्षा, उसके पोषण और पर्यावरण-संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना है। उनका मिट्टी से जुड़ाव आवश्यक है। इसी ध्येय से विद्यालय हर साल यह आयोजन करता है। इस दौरान मुख्य अतिथि व प्राचार्य ने पौधारोपण भी किया। उल्लेखनीय है कि ’फुलवारी’ में बच्चे व उनके अभिभावक जिन पौधों को गोद लेते हैं, उनकी बेहतर तरीके से देखभाल करते हैं। उन पौधों की प्रदर्शनी लगाई जाती है और उनमें उत्कृष्टता के आधार पर कुछ को पुरस्कृत भी किया जाता है।

पुरस्कार के लिए पौधों का किया चयन किया
पौधों की उत्कृष्टता यानी स्वास्थ्य, मिट्टी, बनावट व उसके महत्व के आधार पर निर्णायकों ने पुरस्कार के लिए पौधों का चयन किया। प्रत्येक कैटेगरी के प्रथम, द्वितीय व तृतीय विजेता बाद में पुरस्कृत किए जाएंगे। सीनियर विंग में नीलम सिंह, शालिनी ठाकुर व निधि खरे तथा प्राइमरी विंग में डॉ. रीमा गुप्ता, श्वेता सिंह एवं सुनील कुमार निर्णायकों की भूमिका में रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *