Memorial Day Of Comrade Vinod Mishra: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, 18 दिसंबर का संकल्प

Memorial Day Of Comrade Vinod Mishra: भाकपा (माले) विनोद मिश्र के 25वें स्मृति दिवस पर महान शहीदों व दिवंगत नेताओं के क्रांतिकारी मिशन विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता है।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Ramgarh: भाकपा (माले) विनोद मिश्र के 25वें स्मृति दिवस (Memorial Day Of Comrade Vinod Mishra) पर महान शहीदों व दिवंगत नेताओं के क्रांतिकारी मिशन के प्रति स्वयं को पुनः समर्पित करते हुए वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कामरेड वीएम की क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता है।
कामरेड वीएम ने 1970 दशक के आरंभ में भारी दमन और धक्के के बाद पार्टी के पुनर्गठन का नेतृत्व किया। पार्टी के पुनर्निर्माण व पुनर्गठन की प्रेरणा कामरेड वीएम के वे आखिरी शब्द थे, जिनमें उन्होंने पार्टी को जिंदा रखने, जनता से घनिष्ठ रूप से जुड़ने और उसके हितों को बुलंद रखने को सर्वोच्च कार्यभार बनाने की अपील की थी। जनता के साथ पार्टी का जीवंत जुड़ाव, जनता पर निर्भरता और विभिन्न संघर्षों में जनता की साहसी गोलबंदी में पार्टी की नेतृत्वकारी भूमिका पार्टी के विकास की कुंजी रही है। हम जनता में पार्टी के कामकाज और जनता से जुड़ाव (पार्टी के जन चरित्र) को और गहराई तक ले जाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने (दोहरे जोश के साथ बढ़ाने) का संकल्प लेते हैं।

संयुक्त मोर्चा नीति को लागू करने के लिए पार्टी का विस्तार जरूरी
कामरेड वीएम के नेतृत्व में पार्टी ने अपनी स्वतंत्र भूमिका, पहल कदमियों और पहचान को सुदृढ़ बनाते हुए व्यापक दायरे के व्यक्तियों और संगठनों के बीच से सहयोगी बनाने की एक प्रभावशाली संयुक्त मोर्चा रणनीति विकसित की। पार्टी की स्वतंत्र शक्ति एवम भूमिका को हरसंभव तरीके से मजबूत करते हुए उसी संयुक्त मोर्चा नीति को विकसित व लागू करने के लिए पार्टी की क्षमताओं का और विस्तार करने की आवश्यकता है। योजनाओं और नीतियों का निर्माण तथा विभिन्न मोर्चों पर उन्हें सफलतापूर्वक लागू करना पार्टी की सांगठनिक सुदृढ़ता एवं वैचारिक स्पष्टता पर निर्भर होता है।
फरवरी में पटना में पार्टी का 11वें महाधिवेशन
सोवियत यूनियन के विध्वंस के बाद जब कई कम्युनिस्ट पार्टियां स्वयं का विलोप कर रहीं थीं तब कामरेड वीएम के नेतृत्व में पार्टी ने क्रांतिकारी मार्क्सवाद का बैनर बुलंदी के साथ ऊंचा किया। उसके साथ पार्टी ने अपना सांगठनिक ढांचा, लोकतांत्रिक कार्यपद्धति और सामूहिक नेतृत्व को विकसित व सुदृढ़ किया। जब हम 2024 के महत्वपूर्ण चुनावों और बढ़ते फासीवादी हमले के विरुद्ध निर्णायक प्रतिरोध के लिए तैयारी कर रहे हैं, तब हमें मार्क्सवाद-लेनिनवाद माओ-त्से-तुंग विचारधारा पर मजबूती से खड़े होकर अपने सांगठनिक ढांचा और उसकी कार्यपद्धति को सुदृढ़ करना होगा। इस साल फरवरी में पटना में पार्टी के 11वें महाधिवेशन के सफल समापन के बाद हमने अपने काम के इलाकों में ब्रांचों व लोकल कमेटियों को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया था। सक्रिय ब्रांचों और लोकल कमेटियों के बगैर हम जमीन पर अपनी संगठित उपस्थिति को जारी नहीं रख सकते हैं। तीखे फासीवादी हमलों के माहौल में स्थानीय संगठन की अनुपस्थिति बहुत बड़ी कमजोरी होगी। जमीन पर एक जीवंत एवं गतिशील सांगठनिक ढांचे की मौजूदगी पर जोर हमारी पार्टी का मजबूत चारित्रिक लक्षण बन जाना चाहिए। आइए इस साल के संकल्प दिवस पर सुदृढ़, संगठित, मुकाबले के लिए तत्पर संघर्षशील ताकत के रूप में अपने सम्पूर्ण संगठन को नई ऊर्जा के साथ खड़ा करने का संकल्प लें। उक्त जानाकरी पार्टी के भुवनेश्वर बेदिया  ने दी। 

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