Bokaro: जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों, संस्थानों, स्कूलों व कंपनियों के उपर हुई कार्रवाई से शहर में हड़कंप है। पहली बार श्रम विभाग एक्शन में।
रिपोर्टः आर साहनी न्यूज इंप्रशेन, संवाददाता
Bokaro: जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों, संस्थानों, स्कूलों व कंपनियों के उपर हुई कार्रवाई से शहर में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई हुई है श्रम विभाग की ओर से। श्रम विभाग की ओर से लगातार की जा रही औचक निरीक्षण और कार्रवाई की चर्चा जोरो पर है। बीते कुछ दिन पूर्व सहायक श्रमायुक्त प्रवीण कुमार ने शहर के कई प्रतिष्ठानों, संस्थानों, स्कूलों व कंपनियों का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि कई प्रतिष्ठान, संस्थान, स्कूल व कंपनी श्रम कानून के नियम-कानून का पूरा उल्लंघन कर रहे हैं। सहायक श्रमायुक्त श्री कुमार ने उल्लंघन करने वालों पर नोटिस जारी कर मामला दर्ज किया है।
श्रम विभाग पूरा एक्शन में बताते चलें कि बोकारो जिले में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि श्रम विभाग नियम का उल्लंघन करने वालों पर नकेल कस रही है। इतना ही नहीं कानून का उल्लंघन करने वालों पर मामला भी दर्ज किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अब तक पीड़ित व्यक्ति द्वारा शिकायत करने पर हीं श्रम विभाग की ओर से संबंधित प्रतिष्ठान व संस्थान पर कार्रवाई की जाती रही है। प्रवीण कुमार पहले ऐसे सहायक श्रमायुक्त जो वातानुकूलित कमरे से बाहर निकल कर श्रमिकों का शोषण करने वालों पर मामला दर्ज कर रहे हैं। अब तक दर्जन भर प्रतिष्ठानों, संस्थानों व स्कूलों के साथ इलेक्ट्रो स्टील जैसी बड़ी कंपनियों पर भी मामला दर्ज कर चुके हैं।
शहर में बन रहे टाउन हॉल में पाया अनियमिता सहायक श्रमायुक्त प्रवीण कुमार ने बीते मंगलवार को उपायुक्त आवास के समीप बन रहे टाउन हॉल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि टाउन हॉल का निर्माण कार्य करा रही बिहार की कंस्ट्रक्शन कंपनी एनआरसीपीएल द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है। उन्होंने देखा कि वहां कार्य कर रहे कई मजदूरों बगैर सेफ्टी हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, सेफ्टी जूता व दास्ताना के हीं कार्य कर रहे हैं। साथ हीं उन्होंने पाया कि कंस्ट्रक्शन साइट पर फायर प्रोटेक्शन, सेफ्टी नेट भी नहीं है। मजदूरों को साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं दी जाती है। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बरती जा रही अनियमितता के लिए शो-कॉज किया जाएगा। यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो मामला दर्ज किया जाएगा। कहा कि सभी श्रमिकों को झारखण्ड सरकार के द्वारा देय न्यूनतम मजदूरी पाने का अधिकार है। यदि किसी नियोजक के द्वारा उल्लंघन किया जाता है तो श्रम विभाग श्रमिकों के अधिकार के लिए मुकदमा दायर करने के लिए बाध्य होगा।
अब तक किन-किन पर किया गया मामला दर्ज पिछले दिनों सहायक श्रमायुक्त व उनकी टीम ने शहर के विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया था। इसमें पाया गया कि वे अपने कामगारों, श्रमिकों को कम मजदूरी दे रहे थे। इस पर उन्होंने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अन्तर्गत श्रम न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। इसमें कोजी स्वीट्स, शिवम हॉस्पिटल, बिहान फ्यूल स्टेशन (पेट्रोल पंप) व सुमंगल मोटर्स (टीवीएस शो रूम), उपादान भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत एमएस पब्लिक स्कूल को-ऑपरेटिव कॉलोनी, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल सेक्टर 6, सरदार पटेल पब्लिक स्कूल, वाईएमसीए इंटरनेशनल एकेडमी, व्यूह पॉइंट हाई स्कूल, श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल, गैलेक्सी पब्लिक स्कूल, एसआर इंटरप्राइजेज बालीडीह शामिल है। इसके अलावे टीटीपीएस ललपनिया व इंडिया एक्सपलोसिव गोमिया में कार्य करने वाले संवेदक गुलाब हुसैन, बिलाल इंटरप्राइजेज, रियाज अंसारी, ट्रेकल एयर कंस्ट्रक्शन, जमाल वार्शी इंटरप्राइजेज, बिलाज अंसारी, शक्ति इंटरप्राइजेज, ज्ञान इंटरप्राइजेज, शिव कुमार सिंह, किंग स्कॉर्ट, सूरज लाल सिंह, मगध इंजीनियरिंग वर्कर्स, महेश साव कंस्ट्रक्शन तथा एसके इंटरप्राइजेज शामिल है।