Workshop on Sanskrit in DAV :दिल्ली में आयोजित तीन तीन दिवसीय संस्कृत कार्यशाल में डीएवी जोन जी के तीन शिक्षकों ने लिया हिस्सा

Workshop on Sanskrit in DAV : डीएवी सीएइ (सेंट्रल ऑफ एकेडमिक एक्सलेंस) के तहत न्यू दरबारी लाल डीएवी, नयी दिल्ली में चार से 6 अक्टूबर तक संस्कृत कार्यशाला का आयोजन, डीएवी जोन जी के तीन संस्कृत शिक्षकों ने लिया हिस्सा।

न्यूज़  इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro:  डीएवी सीएइ (सेंट्रल ऑफ एकेडमिक एक्सलेंस) के तहत न्यू दरबारी लाल डीएवी, नयी दिल्ली में तीन दिवसीय संस्कृत कार्यशाला (Workshop on Sanskrit in DAV) का आयोजन किया गया है। तीन दिनों तक यानि चार अक्टूबर से छह अक्टूबर तक चलने वाले कार्यशाला में डीएवी जोन जी के तीन संस्कृत शिक्षकों ने हिस्सा लिया हैं। इनमें मुख्य रूप से डीएवी सेक्टर 6 से बाल शेखर झा, डीएवी कोयला नगर धनबाद से विष्णुदत्त मिश्र व डीएवी स्वांग से डॉ राकेश पांडेय शामिल हैं।
डीएवी सेक्टर 6 के बाल शेखर झा ने कहा कि संस्कृत हमारे देश की प्राचीनतम भाषा है। इसे सरलता के साथ कैसे विद्यार्थियों व आमजन तक पहुंचाना है, इसमें विद्यार्थी बेहतर कडी है। संस्कृत को धरोहर के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस पर विस्तार से चर्चा की गयी।

संस्कृत भाषा है देववाणी
रिसोर्स परसन ओम भारद्वाज व अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि संस्कृत भाषा देववाणी कहलाती है। यह सिर्फ भारत ही नहीं विश्व का प्राचीनतम भाषा मानी जाती है। दुनिया की समस्य प्राचीन भाषाओं में संस्कृत का उच्च स्थान है। इस भाषा को आमजनों तक पहुंचाने में विद्यार्थियों सबसे सरल माध्यम है। कार्यशाला में भारत के नौ राज्य झारखंड, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, उडीसा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ व आंध्र प्रदेश के 54 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। डीएवी सेक्टर 6 के प्राचार्य बीएमएल दास ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यशाला का लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

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