Vihangaam Yog Sansthan : कश्मीर से कन्याकुमारी तक विहंगम योग संस्थान की राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा, पहुँची बोकारो
Vihangam Yog Sansthan : स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्रीविज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में शनिवार को बोकारो पहुंचे। बोकारो क्लब में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को भक्ति का रसापान कराया। महाराज ने कहा अशांति व वैमनस्य से पीड़ित विश्व में शांति व सौहार्द की स्थापना करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम स्वर्वेद है।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन। शरीर की पुष्टि और इन्द्रियों की तृप्ति मानव जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकता। यह सुख और दुख को भोगने के लिए नही मिला, यह तो परम आनंद की प्राप्ति हो जाय इसीलिए जीवन मिला है। ईश्वर का रहस्य मानव में निहित है। हम जीवन कहें या सत्य कहें बात एक है। जीवन को ठीक-ठीक जान लिया, इसका अर्थ है हमने परमसत्य का साक्षात कर लिया, क्योंकि जीवन का आधार परमात्मा है, जो आनन्द स्वरूप है। उक्त उक्त उद्गार (Vihangam Yog Sansthan) स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्रीविज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में बोकारो क्लब में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये। महाराज जी ने कहा कि सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है जो श्रद्धावान है, वही ज्ञान की प्राप्ति कर शांति का अनुभव करता है। अध्यात्म ही वह समाधान है, जिससे सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं।
अध्यात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद
महाराज जी ने कहा कि अध्यात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद। स्वर्वेद आध्यात्मिक ज्ञान का चेतन प्रकाश है। जिसके आलोक में अविद्या, अंधकार, मिथ्याज्ञान नष्ट होते हैं। यह हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है। अशांति एवं वैमनस्य से पीड़ित विश्व में शांति एवं सौहार्द की स्थापना करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम स्वर्वेद है। जीवन मे स्वर्वेद का आचरण अनन्त ऊंचाइयों तक ले जाता है। महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि विहंगम योग की साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। महाराज की दिव्यवाणी ’जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
संकल्प यात्रा का बीत 17 जुलाई से कश्मीर की धरती शुरू
आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज की संकल्प यात्रा का शुभारंभ विगत 17 जुलाई से हीं कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा कश्मीर, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार के बाद झारखंड के गढ़वा, मेदिनीनगर, लातेहार, रांची, जमशेदपुर होते हुए बोकारो में पहुंच चुकी है। आगामी 17 एवं 18 दिसंबर, 2023 को विशालतम ध्यान-साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले। इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्रीसदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फीट से भी ऊंची प्रतिमा (Statue of Spirituality ) का भी शिलान्यास होगा।