Karam Mahotsav : करम गोसाई घारे द्वारे रे…. गीतों पर गुंजा बोकारो, सड़कों पर दिखा करम महोत्सव का जलवा
Karam Mahotsav : करम महोत्सव पर चास आइटीआई मोड़ से नया मोड़ बिरसा चौक बोकारो तक शोभा यात्रा निकाली गई। 5 सौ से अधिक करम टीम जावा के साथ करम गीतों पर नाचते- थिरकते 20 हजार से अधिक लोग पारंपरिक वेशभूषा के साथ शामिल हुए
न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : बृहद झारखंड कला सांस्कृतिक मंच की ओर से रविवार को करम महोत्सव (Karam Mahotsav)डहरे करम बेड़हा का आयोजन किया गया। चास के आइटीआई मोड़ में करम जावा नृत्य व गीतों की प्रस्तुति के साथ महोत्सव शुरु हुई। इसमें 500 से अधिक करम टीम जावा के साथ शामिल रही। घंटों मांदर, ढोल के थाप पर युवतियां करम गीतों पर थिरकती रही। दोपहर एक बजे के करीब मंच के नेतृत्व में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें समाज के लगभग 20 हजार से अधिक लोग पारंपरिक वेशभूषा के साथ मांदर की थाप पर करम गीतों की धुन पर थिरकते हुए शामिल रहें। यात्रा प्रखंड कार्यालय, धर्मशाला चौक, बाइपास रोड़ होते हुए नया मोड़ बिरसा चौक तक पहुंचकर करम आखड़ा में तब्दील हो गया। इस दौरान पूरा क्षेत्र करम गीतों से गुंजयमान रहा। आज रे करम गोसाई घारे द्वोरे रे…., गड़े हावे करम डारा…. सहित अन्य करमा गीतों पर टीमों ने बेहतरीन नृत्य प्रस्तुति दी।
भाई बहनों के अटूट प्रेम को दर्शाता करमा
पौराणिक कथाओं के अनुसार आदिकाल में कर्मा-धर्मा नाम के दो भाई थे। वे बहुत मेहनत भी करते थे व सच्चे थे, लेकिन दोनों काफी गरीब परिवार से थे। वे करम पौधा की पूजा किया करती थी। पर्यावरण संबंधित भी कई मान्यताएं है। इस बाबत मंच के संयोजक जिप सदस्य राजेश महतो ने कहा कि करम पर्व झारखंड की समृद्धिशाली सांस्कृतिक त्योहार है। इस सांस्कृतिक को बचाने, उसके संरक्षण और संवर्धन को लेकर हमेशा से मंच का प्रयास रहा है। झारखंड के मूलवासी, आदिवासी सभी प्रकृतिपूजक है । करम जावा भाई बहनों के अटूट प्रेम को दर्शाता है। बहनें भाइयों की सलामती, लंबी उम्र की कामना करती है। उन्होंने कार्यक्रम में अधिक भागेदारी को लेकर स्थानीय का सराहना किया। कहा कि साथ मिलकर ही संस्कृति, सभ्यता को बचाया जा सकता है।
जगह-जगह सेवा शिविर का आयोजन
आईटीआई मोड़ से नया मोड़ बिरसा चौक तक विभिन्न समाजिक संगठनों की ओर से सेवा शिविर लगाया गया। जिसमें शोभा यात्रा में शामिल करम टीम व लोगों के बीच चाय, शरबत, नाश्ता का वितरण किया गया। शोभा यात्रा के संचालन को लेकर भी संगठनों ने सहयोग किया।
महोत्सव में ये थे शामिल
कार्यक्रम के सफल आयोजन में सह संयोजक सह संयोजक दयामय महतो, मोतीलाल महतो, भीमसेन महतो, सुबल महतो, सचिन महतो, हरेकिसन हिंदोयार, दीपक पुनोरियार, मनोज महतो, सरोज महतो, भुतेश्वर महतो, पार्वती चरण महतो, देवीलाल महतो, करण महतो, महेश मुत्रुआर, कुणाल महतो, निमाई महतो, सखाय महतो, भीमसेन महतो, सुनिता महतो, अनिता देवी, लक्खी केटियार, सरोज महतो, मनीष महतो, संकेत डूंगरियार, अजीत महतो, अमित सांखवार, देवीलाल महतो, मनिंदर केटियार, रामू महतो, खेमलाल महतो, कमलेश महतो, सचिन महतो,अनंत काड़ुवार, रामबिलास राखोहरि, बुलेट महतो, भोला बानुआर, बिकास बानुआर, चितरंजन महतो, रवि महतो, श्रीनाथ महतो, जेपी महतो, लक्ष्मीकांत महतो , सरोज महतो, अशोक महतो, मनोज कुमार महतो, गोराचांद महतो, रामबिलास महतो, जयदेव महतो सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा।