Bokaro : अखिल भारतीय संत गाडगे संस्थान के बैनर तले संत पेरियार ललई सिंह यादव की मनाई गयी जयंती, उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया

Bokaro में अखिल भारतीय संत गाडगे संस्थान के बैनर तले महान समाज सुधारक कर्मवीर पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती बोकारो स्टील सिटी के बुद्ध विहार के बैंक्वेट हॉल में मनाई गई। वक्ताओं ने कहा—पेरियार ललई सिंह महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।

न्यूज़ इंप्रेशन संवाददाता

Bokaro : बोकारो में अखिल भारतीय संत गाडगे संस्थान के बैनर तले महान समाज सुधारक कर्मवीर पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती बोकारो स्टील सिटी के बुद्ध विहार के बैंक्वेट हॉल में मनाई गई। कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय संविधान की प्रस्तावना के साथ राष्ट्रीय संरक्षक एमएल दास व कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अरूण कुमार ने संयुक्त रूप से किया। पेरियार ललई सिंह यादव व संत गाडगे महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। उद्घाटन भाषण उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने किया।

समाज सुधारक सह स्वतंत्रता सेनानी थे
वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेरियार ललई सिंह महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने आजीवन अंधविश्वास, पाखंड, पुरोहित वाद, जाति-पाति, वर्ण-व्यवस्था, ऊंच-नीच का भेदभाव जैसी सामाजिक कुरीतियों का विरोध कर समता मूलक समाज की स्थापना के लिए संघर्ष किया। उन्होंने रामास्वामी नायकर की पुस्तक का हिंदी अनुवाद “सच्ची रामायण“ कराकर अपने जमाने में तहलका मचा दिया था। इस पुस्तक सहित डॉ अंबेडकर की पुस्तकों को कोर्ट में केस लड़कर छुड़ाकर आम आदमी को पढ़ने के लिए उपलब्ध कराया था। दलित वंचितों की समस्या और समाधान पर आधारित पुस्तकों के प्रकाशन के लिए उन्होंने अपनी कई बीघा जमीन बेचकर सम्राट अशोक नामक प्रेस की स्थापना की थी। मनुवादी व्यवस्था का कट्टर विरोधी होने के कारण दक्षिण भारत का लोगों ने उन्हें “पेरियार“ की उपाधि दी थी। ललई सिंह जी ने सन् 1967 में बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया था तत्पश्चात अपने नाम के “यादव“ टाइटल को भी हटा दिया था। इस अवसर पर छोटे-छोटे स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
संगठन के कार्यो की दी जानकारी
संगठन के महासचिव अवधेश सिंह ने संगठन के कार्यों की जानकारी दी। कोषाध्यक्ष रतन कुमार रजक ने आम व्यौरा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता अशोक यादव पटना से आए थे। उनके अलावा अन्य वक्ताओं में रानी कश्यप, सरिता कुमारी, गणेश शर्मा, शशिकांत सिन्हा, केएन सिंह, सुशील कुमार सिन्हा, प्रोफेसर अरविंद कुमार श्याम सुंदर, प्रमिला कुमारी आदि शामिल थे। सभी वक्ताओं ने पेरियार ललई सिंह यादव सहित अन्य महापुरुषों के जीवन दर्शन याद किया तथा उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।

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