Bokaro: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में डीपीएस चास के नन्हें बच्चों ने कृष्ण लीला कर मोहा मन
Bokaro के दिल्ली पब्लिक स्कूल, चास में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राधा-कृष्ण बनकर नन्हें बच्चों ने सबका मन मोह लिया।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: बोकारो के दिल्ली पब्लिक स्कूल चास में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसे लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया। नन्हें बच्चों ने राधा-कृष्ण बनकर सबका मन मोह लिया। इस दौरान छात्राओं ने कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं…गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बच्चों ने नटखट श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन कर खूब तालियां बटोरी।
कृष्ण की लीलाओं पर आधारित थे नृत्य प्रदर्शन
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। ये बच्चे राधा-श्रीकृष्ण, बाल-गोपाल, मीरा की वेशभूषा में कार्यक्रम का हिस्सा बने। मंचीय प्रस्तुति के दौरान अपनी नटखट प्रदर्शन के सहारे इन बच्चों ने सभी के मन को छू लिया। इस साज सज्जा ने स्कूल के वातावरण को सुहावना बना दिया। छात्रों के नृत्य प्रदर्शन भगवान कृष्ण की लीलाओं पर आधारित थे, जिसके सहारे इन बच्चों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पूर्व भाषण की प्रस्तुति कर कई विद्यार्थियों ने छात्र जीवन में गुरु के महत्व को बताया।
ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को होती है संस्कृति की जानकारी
विद्यालय की चीफ मेंटर डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि श्रीकृष्ण ने जीवन में धर्म की रक्षा के लिए रिश्तों को महत्व न देकर कर्तव्य पर चलने की राह दिखाई है। उन्होंने बच्चों के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि इस पर्व के लिए प्रस्तुत किये गये सभी कार्यक्रमों में बच्चों का उत्साह देखने योग्य था। बच्चे श्रीकृष्ण व राधा जी की वेशभूषा में सजे हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को अपनी संस्कृति और सभ्यता की जानकारी होती है।
भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से मिलता है अनेक शिक्षाएं
कार्यक्रम में स्कूल के डायरेक्टर नवीन शर्मा ने विद्यार्थियों के कला प्रदर्शन की सराहना की। स्कूल की कार्यवाहक प्राचार्या दीपाली भुस्कुटे ने बच्चों को जन्माष्टमी पर्व की जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान विष्णु के अवतार से जुड़ा है। मथुरा में कंस के अत्याचार को मिटाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ। यह पर्व हमें जीवन में कठिनाईयों के बीच भी सत्य के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है। सुदामा का जीवन निःस्वार्थ मित्रवत व्यवहार की सीख हमें देता है। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन एक ऐसी प्रेरणा है, जिससे हमें अनेक शिक्षाएं मिलती हैं। अगर इन शिक्षाओं को जीवन में धारण किया जाए, तो हम विपरीत परिस्थितियों में भी सफल हो सकते हैं। कार्यक्रम की सफलता पर विद्यालय के पीवीसी मुरलीधरन नारायणस्वामी, डीन जोस थॉमस, डीएस मेमोरियल सोसाइटी के सचिव सुरेश अग्रवाल ने विद्यार्थियों व विद्यालय परिवार को बधाई दी।