Bokaro Principal suspension: प्रभारी प्रधानाध्यापक के एकतरफा निलंबन का झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने की निंदा, बिना कारण पूछे निलंबन का फैसले तुगलकी फरमान 

Bokaro Principal suspension: प्रभारी प्रधानाध्यापक के एकतरफा निलंबन का झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने की निंदा। प्रतिनिधिमंडल विभाग से मिलकर निलंबन वापसी का करेगा अनुरोध। अन्यथा झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा आयोजित माध्यमिक व इंटरमीडिएट परीक्षा मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।

 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता 

Bokaro: झारखंड प्लस 2 शिक्षक संघ ने बोकारो के प्लस 2 उच्च विद्यालय पेटरवार के प्रभारी प्रधानाध्यापक कपिल देव ठाकुर के एकतरफा निलंबन की कड़ी आलोचना की है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने कहा कि इस मामले में विभाग को हर हाल में अपना निर्णय बदलना होगा। अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर राज्य महासचिव राकेश कुमार के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया। प्रतिनिधिमंडल विभाग से मिलकर प्लस 2 उच्च विद्यालय, पेटरवार के प्रभारी प्रधानाध्यापक के निलंबन वापस लेने का अनुरोध करेगा।

प्रतिनिधिमंडल में इन्हे किया गया शामिल

प्रतिनिधिमंडल में चतरा से नीरज सिंह, बोकारो से कपिल देव ठाकुर, हजारीबाग से कृष्ण कन्हैया, पलामू से अमरेश कुमार सिंह एवं पूर्वी सिंहभूम से मिथिलेश कुमार शामिल होंगे। बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य महासचिव राकेश कुमार ने कपिल देव ठाकुर को निलंबित किए जाने की निंदा की। उन्होंने शिक्षकों का सम्मान बचाने के लिए न्यायालय के शरण में जाने की बात कही। झारखंड प्लस 2 शिक्षक संघ, रांची के विनय कुमार सिंह ने जोर देकर कहा कि संघ की उपस्थिति ऐसी हो कि लगे कि कोई शिक्षक अकेला नहीं है।

सचिव ने विद्यालय का किया था निरीक्षण 

इस अवसर पर पीड़ित प्रभारी प्रधानाध्यापक ठाकुर ने बताया कि विभागीय सचिव ने 18 अप्रैल की सुबह करीब 8 बजे विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था, जबकि उस दिन विद्यालय में झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची द्वारा दोनों पालियों में वर्ग ग्यारहवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित थी। परीक्षा केंद्राधीक्षक होने की वजह से श्री ठाकुर नियमित समय सुबह आठ बजकर पैंतालीस मिनट पर विद्यालय पहुंचे। तबतक विभागीय सचिव निरीक्षण कर विद्यालय से जा चुके थे। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने विद्यालय के प्रदत्त वार्षिक अनुदान की शत प्रतिशत राशि का उपयोग किया है। मात्र आठ महीना पहले ही इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बने थे।

बिना कारण पूछे निलंबित करने का फैसले तुगलकी फरमान 

वक्ताओं ने शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय प्रधान पर की गई एकतरफा कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने प्रधान शिक्षक से बिना कारण पूछे निलंबित करने के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया। सभी ने एक स्वर से कहा कि बिना कारण पृच्छा के निलंबन की कार्रवाई करना सेवा संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इस प्रकार एक शिक्षक को बली का बकरा बनाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया गया। शिक्षक नेताओं ने विभाग से विकास मद की राशि को खर्च करने की क्लिष्ट प्रकिया को आसान बनाने की मांग की। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर मानसिक दबाव देने की परिपाटी पर क्षोभ व्यक्त किया गया।

मूल्यांकन कार्य का किया जायेगा बहिष्कार

राज्य संघ के पदाधिकारियों ने बिना कारण पूछे सीधे निलंबित कर दिए जाने को अमानवीय करार दिया तथा विभाग से तुरंत वापस लेने की मांग की, अन्यथा झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। बैठक में बोकारो के पंकज कुमार सिंह, डॉ अवनीश कुमार झा, गढ़वा के पवन कुमार तिवारी, पाकुड़ के सुधीर प्रसाद, चतरा के नीरज कुमार व शंभूनाथ यादव, गोड्डा के कुमार चंदन, पलामू के अमरेश कुमार सिंह, देवघर के अतुल कृष्ण राय, पूर्वी सिंहभूम के मिथिलेश कुमार, गोड्डा के रामप्रताप पाण्डेय, गढ़वा के रामप्रकाश पाठक, चतरा के शंभू कुमार व शिक्षक प्रतिनिधि धीरज कुमार मौजूद थे।

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