Jharkhand: अलविदा—झारखंड के शिक्षा मंत्री टाइगर जगरनाथ महतो, पंचतत्व में विलीन, पुत्र ने दी मुखाग्नि

Jharkhand News: दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पंचतत्व में विलीन हो गये। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई उन्हें। पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। दामोदर नदी घाट पर अंतिम दर्शन को लेकर उमड़ा जनसैलाब।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो उर्फ टाइगर का 7 अप्रैल को शाम में भंडारीदह दामोदर नदी तट पर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर, राज्यसभा सदस्या डा. महुआ मांझी सहित अन्य विधायक व जनप्रतिनिधि शामिल हुए। स्वर्गीय मंत्री के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ा हुआ था। लोगों ने नम आंखों से जन जन के नेता को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। जगरनाथ दादा अमर रहें के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजेमान रहा। दिवंगत मंत्री का अंतिम दर्शन करने, उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने एवं दुख के इस घड़ी में परिजनों को ढ़ाढ़स बांधने सीएम सहित कई मंत्री और विधायक शामिल हुए।

रास्ते में लोगों ने किया अंतिम दर्शन

रांची से चंद्रपुरा प्रखंड स्थित पैतृक गांव अलरागो पंचायत के सिमराकुल्ही तक पार्थिव शरीर पहुंचने में जगह जगह अंतिम दर्शन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पेटरवार में बोकारो उपायुक्त कुलदीप चौधरी और पुलिस कप्तान चंदन झा की अगुवाई में राज्य के शिक्षा मंत्री स्व जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर जैसे ही पेटरवार पहुंचा। चाहने वालों ने नारे लगाने लगे कि जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक जगरनाथ का नाम रहेगा, टाइगर जिंदा था और जनता के दिलो में जिंदा रहेगा। शिक्षा मंत्री स्व जगरनाथ महतो का अंतिम यात्रा जब शुक्रवार को भारी भरकम काफिले के साथ दिन के 11:15 बजे जब पेटरवार पहुंचा, तो दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो, विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण व पूर्व विधायक बबीता देवी ने स्व जगरनाथ दा के पार्थिव शरीर के दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की।

इनके निधन से काफी मर्माहत 

मंत्री योगेंद्र महतो, बोकारो विधायक बिरंची नारायण एवं पूर्व विधायक बबीता देवी भावुक हो गए। दर्जा प्राप्त मंत्री ने कहा कि जगरनाथ दा का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। अपनी सादगी, बेबाकी ओर जनता के सवाल पर मुखर रहने के चलते वे जनप्रिय नेता थे। उनका आकस्मिक निधन राज्य की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।

इनका सपना रह गया अधूरा 

गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि हम अभिभावक विहीन हो गए हैं, केवल बोकारो ही नहीं झारखंड अभिभावन विहीन हो गया है। कहा कि वे झारखंड आंदोलन से लेकर 1932 खतियान का मामला हो या स्थानीय नियोजन नीति का मामला उसे लागू कराने की दिशा में प्रखर होकर पहल की थी, लेकिन उनका यह सपना अधूरा रह गया जिसका टीस हमेशा बना रहेगा।

चेन्नई एमजीएम अस्पताल में हुआ था निधन

शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो का गुरुवार यानी 7 अप्रैल को तड़के निधन हो गया था। 56 वर्षीय महतो चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती थे। 2020 में कोविड-19 होने के बाद उनके फेफड़े बदले गए थे 13 मार्च 2023 को सांस लेने में तकलीफ हुई थी, इसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। जगन्नाथ महतो 14 मार्च से चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती थे। 13 मार्च को देर रात उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी, उसके बाद ने रांची के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से 14 मार्च को चेन्नई भेजा गया था।

अंतिम संस्कार में शामिल हुए: 

दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री योगेन्द्र महतो, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, बेरमो विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, सचिव के रवि कुमार, विभिन्न पार्टियों के प्रदेश व जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ता शामिल हुए। इसके अलावा डीआइजी मयूर पटेल, उपायुक्त कुलदीप चौधरी, एसपी चंदन झा, डीडीसी कीर्तीश्री जी., अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार, डीपीएलआर मेनका, एसी सादात अनवर समेत जिले के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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