गांवों में जंगली हाथी का मचाया उत्पात, कई किसानों के फसलों को रौंदा
•हाथी भगाओ टीम को बगियारी वीट खैराचातर में ही रखने की मांग
• कसमार से पेटरवार वन विभाग की दूरी लगभग 30 किमी
न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro (kasmar) : हाथियों का उत्पाद जारी है। कसमार व जरीडीह अंचल के तीन गांवों में एक जंगली हाथियों ने रविवार की रात को उत्पात मचाया और गेंहू समेत अन्य कई फसलों को खा गया। पैरों से रौंद डाला। ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की रात करीब 8 बजे ही जुमरा व सेंवातीघाटी जंगल की और से एक विशाल जंगली हाथी पाड़ी गांव आ धमका और जमकर डेढ़ घंटा उत्पात मचाया। पाड़ी के शिक्षक सह किसान हरि कुमार देव, मनोज कुमार महतो, कूलू महतो, गोपाल महतो समेत अन्य कई किसानों के खेतों में लगे गेंहू व सरसों को रौंद डाला। बताया जाता है कि लगभग 50 क्विंटल से ज्यादा गेंहू का नुकसान हुआ है। हाथी भगाओ टीम के द्वारा पाड़ी से खदेड़ा गया, तब हाथी करीब साढ़े नौ बजे उक्त गांव में पहुंचा और ढाई घंटे तक गट्टीगढ़ा किसान विनोद महतो, शिवराम महतो के गेंहू फसलों को खाता रहा। वहीं उसी गांव के देवलाल महतो के बाड़ी में लगे केला को काफी बर्बाद कर दिया। पैरों से केले के पेड़ को तोड़कर कर क्षतिग्रस्त कर दिया। गट्टीगढ़ा गांव के बाद सीधे जरीडीह प्रखंड के रोरिया गांव रविवार को लगभग रात 2 बजे के आसपास पहुंचा। रोरिया निवासी रथु राम महतो के घर के दरबाजा तोड़ दिया। वहीं, प्रदीप महतो के बारी में अरहर फसलों को खाया। ग्रामीणों ने बताया कि कभी भी हाथी भगाओ टीम ससमय घटनास्थल पर नहीं पहुंचती। इनका कहना है कि सूचना के काफी देर बाद वन विभाग की टीम पहुंची। क्योंकि हाथी भगाओ टीम पेटरवार रेंज आफिस में रहते हैं। वन विभाग कसमार से करीब 30 किलोमीटर दूर है। विभाग को हाथी के आने की सूचना देने और टीम को 30 किलोमीटर का सफर करके पहुंचने में विलंब हो जाती है। इस बीच हाथी फसलों को खा जाता या रौंद डालता है।