साधु शरण बोले—रघुवर दास बढ़े आरक्षण का विरोध छोड़कर केंद्र से कराएं सहयोग, पिछड़ा करेंगे याद, तमिलनाडु में 69% आरक्षण, झारखंड में यह असम्भव कैसे 

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जेएमएम कांग्रेस सरकार के द्वारा एसटी, एससी और ओबीसी के बढ़ाये गए आरक्षण को असंवैधानिक कहा है। यह गैर जिम्मेदार व्यवहार है। उन्हें जानकारी होना चाहिए कि तमिलनाडु में 69% आरक्षण मिल रहा है। फिर झारखंड में यह असम्भव कैसे है ? उक्त बातें झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट साधु शरण गोप ने प्रेस बयान जारी कर कहा। गोप ने पूर्व सीएम रघुवर दास का आरक्षण बढ़ाने से पहले सर्वे को अनिवार्य बताने को बचकाना बताया है। वे यह नहीं भूले कि ईडव्लूएस को आरक्षण देते समय मोदी कोई नहीं करावाएं, जिसे कांग्रेस ने स्वागत किया था। आज कांग्रेस के एसटी, एससी, ओबीसी के आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकारने में पेट में दर्द क्यों हो रहा है। रघुवर दास को तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता से सीख लेनी चाहिए। वे पिछड़ा नहीं थी, लेकिन तमिलनाडु में ओबीसी, एसटी, एससी को आरक्षण देने के लिए राज्य में आरक्षण को 69% तक बढ़ायी थी। कांग्रेसी नेता जो उस वक्त के राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति स्व शंकर दयाल शर्मा ने जयललिता के आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव को अनुमोदन कर दिया था। जिससे आज तमिलनाडु को 69% आरक्षण मिल रहा है। इस कहानी को रघुवर दास, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ मिलकर दोहरा कर इतिहास रच सकते हैं। श्री गोप ने कहा कि भाजपा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर बहुत गंदा खेल, खेल रही है। एक तरह बाबूलाल मरांडी को 1932 के समर्थन में खड़ा कर दिया है। दूसरी तरह 1985 के समर्थन में रघुवर दास को खड़ा कर दिया है।

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