सरकार की नीति का विरोध : पूर्व सांसद रविंद्र पांडे ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति का किया विरोध, कहा—झारखंड के मूल निवासियों के साथ धोखा व छलावा
गिरिडीह के पूर्व सांसद रविंद्र पांडे ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यहां के मूल वासियों से हेमंत सरकार छल कर रही है। 6 महीने पहले ही हेमंत सोरेन ने यह बयान दिया गया था कि हम इसे कैबिनेट में तो पास कर देंगे, लेकिन कोर्ट में जाकर खत्म हो जाएगा। रविंद्र पांडे ने सवाल किया कि आखिर अब ऐसा क्या हो गया कि उनके कैबिनेट में सहमति जता दी गई। ये लोगों के साथ यह धोखा व छलावा के सिवाय और कुछ नहीं है। पूर्व सांसद ने कहा इस स्थानीय नीति का फायदा ग्राउंड जीरो पर झारखंड के मूल वासियों को नहीं मिलने जा रहा है। 1954 में मानभूम जिले से धनबाद जिला बना, जिसका सर्वे अब तक नहीं हुआ, तो यहां के लोगों की आखिर 1932 का खतियान कहां से ला सकेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रोजगार की बात करनी चाहिए थी, स्थानीय लोगों को नौकरी में ग्रेट बनाकर प्राथमिकता देनी चाहिए थी। वर्तमान सरकार को डर लग रहा है, डर के कारण ही वह इस तरह का काम कर रही है।