मुठभेड़ में मारी गई गोमिया की रहने वाली नक्सली रिला 18 साल में एक बार भी गांव नहीं थी लौटी

झारखंड के कोल्हान के सरायकेला जिले के बारूदा जंगल में शुक्रवार सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सली रिला बोकारो जिले के चतरोचटी थाना क्षेत्र के खरचाबेडा की रहने वाली थी। बताया जाता है कि रिला 2004 में 12 साल की उम्र में नक्सली संगठन में शामिल हो गई थी। इस बात की पुष्टि करते हुए चतरोचटी थानाप्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि रिला उर्फ माला 2004 में नक्सली आन्दोलन से प्रभावित होकर हथियार उठा ली थी। उग्रवाद प्रभावित गोमिया प्रखंड के चुटे पंचायत का कई गांव उनदिनों नक्सलियों का गढ हुआ करता था। खुलेआम नक्सलियों का दस्ता विचरण किया करता था। उसी समय रिला नक्सली संगठन में शामिल हो गई। रिला के माता-पिता का निधन हो चुका है। एक भाई रूपलाल मांझी है जो दिहाडी मजदूर है। थाना प्रभारी ने बताया कि रिला की तलाश एनआईए भी कर रही थी। बताया जाता है कि रिला 18 साल नक्सली आंदोलन में सक्रिय रही, लेकिन एक बार भी अपने गांव नहीं लौटी। बता दें कि माओवादियों के खिलाफ पुलिस का आपरेशन हिलटाप तब के पुलिस कप्तान अनिल पालटा के नेतृत्व में चुटे के जमुवाबेडा खरचाबेडा गांव से ही शुरू हुआ था। इस गांव के चारों ओर जंगल है। पुलिस व नक्सलियों के बीच कई बार मुठभेड हो चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *