पलायन का दंश : पलायन की भेंट चढ़ा मंजूरा का एक और युवक, गोवा में हुई मौत, उठा सवाल—कब रुकेगा पलायन से होने वाले मौत का सिलसिला

कसमार : कसमार थाना क्षेत्र के मंजूरा पंचायत अंतर्गत झरमूंगा गांव के गोड़इती टोला निवासी नेम्बू घांसी के 24 वर्षीय पुत्र बबलू घांसी की मौत बुधवार को गोवा में हो गयी। वह अडोरा दे गोवा बी प्रोविडेंट- ए पुरवंकर कंपनी में मजदूरी का करता था। बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर साथ काम करने वाले गांव के ही अन्य युवकों व कंपनी के ठेकेदार के सहयोग से गोवा के स्थानीय अस्पताल में सुबह भर्ती कराया गया, परन्तु बुधवार की रात्रि को ही मृत्यु हो गयी।

इधर युवक के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उक्त युवक कुल पांच भाईयों में चौथे नंबर पर था। परिजनों ने स्थानीय विधायक लंबोदर महतो एवम् जिप सदस्य अमरदीप महाराज को सूचना दी। विधायक ने कंपनी से दूरभाष पर संपर्क कर कंपनी के स्तर से ही शव को हवाई जहाज से पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही थी। संभवत: शुक्रवार की सुबह तक शव गांव पहुंचने की संभावना है।

इसी वर्ष मंजूरा के एक और युवक की बंगलोर में हो चुकी है मौत :

इसी साल जून माह में मंजूरा के ही बहादुर घांसी नामक युवक की मौत बेंगलुरु में हो चुकी है। उक्त युवक बंगलोर में ही धागा कंपनी में कार्य करता था।

संघर्ष समिति ने जताया शोक :

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति, कसमार के सदस्य भाषा सह युवा समाजसेवी मिथिलेश महतो ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक हमारे गांव के युवक पलायन की भेंट चढ़ते रहेंगे। झारखंड गठन के लगभग 21 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य के युवा दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। झारखंड की स्थानीय नीति, नियोजन नीति और उद्योग नीति खतियान आधारित नही बनना ही पलायन का मुख्य कारण है। आए दिन नित्य प्रतिदिन हमारे झारखंड के युवाओं की पलायन के उपरांत मौतें होती रहती है, इसलिए राज्य सरकार को इस दिशा में खतियान आधारित नीति बनाने में ठोस पहल की जानी चाहिए।

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