पत्रकारों पर हमला : भाजपा नेता बिनोद महतो ने की पत्रकार की पिटाई, तोड़ा मोबाइल, दो दिनों के भीतर दो पत्रकारों के साथ मारपीट, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हिटलरवादी नीति
BERMO : बेरमो अनुमंडल में दो दिनों के भीतर दो पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना का मतलब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हिटलरवादी नीति है। बोकारो रिपोर्टर न्यूज़ नेटवर्क के फुसरो संवाददाता विकास कुमार सिंह की शुक्रवार को दोपहर मे भाजपा नेता बिनोद महतो ने करगली रेस्ट हाउस के समीप जमकर पिटाई कर दी। श्री विकास ने बताया उसका दोष सिर्फ इतना था कि वह सीसीएल कर्मी की शिकायत पर जांच पड़ताल करने एक क्वार्टर के पास गये थे, जो क्वार्टर सीसीएल कर्मी बिनोद महतो के नाम से आवंटित हुआ है। उसमें अनिल श्रीवास्तव जबरन रह रहे हैं। जबकि जिसको क्वार्टर आवंटित हुआ है, वह अपने परिवार के साथ उस क्वार्टर में रहने के लिए गये तो मारपीट की स्थिति बन गई। पत्रकार विकास कुमार सिंह ने बताया कि जब वह समाचार संकलन शुरू किया और फोटो लेने लगे, उसी वक्त वहां अनिल श्रीवास्तव के लठैत के रूप में पहुंचे भाजपा नेता विनोद महतो ने फोटो लेने से मना कर दिया। बावजूद इसके वे फोटोग्राफी करते रहे। आक्रोशित होकर भाजपा नेता बिनोद महतो ने उसकी जमकर पिटाई कर दी और उसका मोबाइल भी तोड़ दिया। काफी भीड़ जमा हो गई। भाजपा नेता की दबंगई सबने देखा। पत्रकार विकास कुमार ने बताया कि इसकी लिखित सूचना बेरमो थाना में दी गई और भाजपा नेता महतो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। इस मामले को लेकर बोकारो जिला के पत्रकारों में काफी आक्रोश है और शीघ्र ही एक डेलिगेशन बेरमो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और बोकारो के पुलिस पदाधिकारी से मिलकर इस मामले में करवाई करने की मांग करेंगे। जननायक कर्पूरी ठाकुर अनुमंडल अस्पताल के डॉ राहुल कुमार ने कहा कि मरीज को काफी अंदरूनी चोट है। बेहतर इलाज के लिए बोकारो सदर अस्पताल रेफर किया गया। बेरमो थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह ने कहा घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए, जिन्होंने भी यह मारपीट की है उनके ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
दो दिन पहले पत्रकार के साथ मारपीट :
दो दिन पूर्व ही कथारा एक नंबर काॅलोनी मे एक पत्रकार नवीन सिन्हा के साथ मारपीट की घटना घट चुकी है, जिसमे उन्हें गंभीर चोटे आई है। दोनों घटनाओं में फर्क सिर्फ इतना है कि कथारा में पत्रकार के साथ मारपीट करने वाला एक साधारण युवक था। जबकि करगली (फुसरो) में पत्रकार के साथ मारपीट करने वाला भाजपा का एक नामचीन नेता माना जाता है। एक मामूली नेता को पत्रकार समूह अपनी कलम की ताकत से इतना हाईलाइट करता है कि वह झोला छाप नेता ब्रांडेड नेता बन जाता है। फिर वही नेता अपनी ताकत के नशे में मदमस्त होकर पत्रकारों पर हमला करता है।
पत्रकार सुरक्षा पर बड़े-बड़े दावे :
राजधानी में बैठे पुलिस के आला अधिकारी फरमान जारी करते हैं कि पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले को बक्सा नहीं जायेगा। मगर हाल के दिनों में पत्रकारों के उपर बढ़ते हमले में शायद ही किसी आरोपी पर कार्यवाही होते देखा गया है। पत्रकारों के उपर बढ़ते हमले इस बात का संकेत है कि पत्रकारों की आजादी पर अंकुश लगाने की साजिश चल रही है। ऐसे में एकजुट होकर विरोध जरूरी है। बोकारो प्रेस क्लब इसकी घोर निंदा करता है।
एक माह पहले बोकारो में हुई थी घटना :
मालूम हो कि करीब एक माह पहले बोकारो में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के साथ स्थानीय विधायक (भाजपा ) और उनके बॉडी गार्ड ने मारपीट की थी। बोकारो के पत्रकारों ने विधायक और बॉडी गार्ड के खिलाफ डीसी और एसपी से लिखित शिकायत की थी। आज तक इसपर कुछ नहीं हुआ।