झारखंड के पुरोधा स्व विनोद बाबू की मनाई जयंती, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो बोले—अब अपना राज्य, अपनी सरकार है, तो मेरा नारा है पढ़ो, ज्ञान प्राप्त करो और अपना अधिकार लो

बोकारो जिले में गावों से लेकर शहर तक झारखंड के पुरोधा स्व विनोद बिहारी महतो की जयंती मनाई गई। झामुमो फुसरो नगर कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान मकोली मोड़ स्थित विनोद बिहारी महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मौके पर झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल मौजूद थे। मंत्री ने स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के त्याग बलिदान और संघर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि जब क्रांति चरम पर था तो विनोद बाबू ने नारा दिया था, पढ़ो और लड़ो। लेकिन अब अपना राज्य है, अपनी सरकार है, तो मेरा नारा है पढ़ो, ज्ञान प्राप्त करो और अपना अधिकार लो। महाप्रबंधक अग्रवाल ने विनोद बिहारी महतो को एक कर्तव्यनिष्ठ और दूर द्रष्टा नेता बताया। उन्होंने कहा विनोद बिहारी महतो की नीतियों और उद्देश्यों को पूरा करना झारखंड के लोगों का कर्तव्य बनता है। मौके पर जिला अध्यक्ष हीरालाल मांझी, जिला सचिव जय नारायण महतो, स्पोर्ट्स विंग के जिला अध्यक्ष भोलू खान, नगर अध्यक्ष मदन महतो, सहित दीपक महतो, हरिनारायण सिंह, वीरेंद्र महतो, बनवीर मिश्रा, अजय साव, आदि उपस्थित थे।

तेनुघाट महाविद्यालय में याद किए गए स्व विनोद बाबू :

तेनुघाट महाविद्यालय में बिनोद बाबू की जयंती मनाई गई। प्राचार्य सुदामा तिवारी ने कहा कि वे झारखंड के महान क्रांतिकारी नेता थे। झारखंड अलग राज्य को लेकर एक लंबी लड़ाई गुरुजी शिबू सोरेन के साथ मिलकर लड़ी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में उन्होंने झारखंड की राजनीति में एक अलग पहचान दिया। उन्होंने झारखंड राज्य आंदोलन का नीति बनाकर आंदोलन को नई दिशा दी थी, जिसके कारण उन्हें जेल भी जानी पड़ी थी। पढ़ो और लड़ो का नारा भी उन्ही का देन है। इस मौके प्रो धनन्जय रविदास, प्रेम सागर, दिनेश्वर स्वर्णकार, महावीर यादव, कालीचरण महतो, रावण मांझी सहित महाविधालय के सभी कर्मचारी मौजूद थे।

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