जिला की मांग : बेरमो को जिला बनाने की मांग, बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा—-जिला के लिए सभी अहर्ताओं को करता है पूरा
BERMO: बेरमो को जिला बनाने की मांग की आवाज उठने लगी है। गोमिया प्रखंड के होसिर पूर्वी पंचायत भवन सभागार में शनिवार को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुखिया घनश्याम राम ने की। समिति के संयोजक संतोष नायक, प्रखंड के होसिर पूर्वी, साड़म पश्चिमी, तुलबुल सहित आठ पंचायतों के मुखिया और ग्रामीण शामिल हुएं। पूर्व मुखिया राम ने कहा कि बेरमो अनुमंडल का सृजन वर्ष 1972 में गिरिडीह जिले के साथ हुआ है। इस अनुमंडल में 14 थाना, 4 ओपी तथा 7 प्रखंड है। बेरमो अनुमंडल झारखंड राज्य का खनिज संपदा से परिपूर्ण अविभाजित बिहार का 1972 में बनने वाला सबसे पुराना अनुमंडल है, जो प्रारंभ से ही जिला बनने की सभी अहर्ताओं को पूरा करता है। इसके बावजूद यहां राजनीतिक समर्थन एवं इच्छाशक्ति के अभाव में जिला बनने की घोषणा होने की बाट अब तक जोह रहा है। उन्होंने कहा कि बेरमो अनुमंडल में बंगाल की त्रासदी कहे जाने वाले दामोदर नदी में बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का डैम है। टीटीपीएस, बीटीपीएस, सीटीपीएस पावर प्लांट भी अवस्थित है। वहीं, सीसीएल के कथारा, करगली, ढोरी, बेरमो, गोविंदपुर परियोजना भी अवस्थित है, जहां से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बेरमो अनुमंडल की आबादी 11,07,672 है, जो जनसंख्या की दृष्टि से भी जिला बनने की अहर्ताओं को पूरा करता है। झारखंड के कई ऐसे जिले हैं, जिसकी आबादी एवं क्षेत्रफल बेरमो अनुमंडल से कम है। यह सरकारी उदासीनता ही है जिसके कारण बेरमो को जिला का दर्जा अभी तक नही मिल पाया है। उन्होंने कहा कि पूरे बेरमो अनुमंडल की जनता सरकार से एक स्वर में बेरमो को जिला बनाने की मांग करती है। बैठक में मुखिया सावित्री देवी, शोभा देवी, शांति देवी, ममता देवी, उपमुखिया गोदावरी देवी, पंसस गीता देवी आदि ने भी अपने विचारों को रखा।मौके पर कुलदीप प्रजापति,मोहन नायक, हैदर अंसारी, कुंदन कुमार, संजीव प्रसाद, राजीव प्रसाद, जगतारिणी देवी, सुमित्रा देवी, रुपाली देवी, रेहाना खातून, अंजू देवी, लक्ष्मी देवी, किरण देवी, सुनीता देवी, रामप्रसाद पटवारी सहित अन्य उपस्थित थे।