आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय सभा दिल्ली में आयोजित, भारत सहित दूसरे देश के भुक्ति प्रधानों ने लिया हिस्सा

आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में दिल्ली के गदईपुर में तीन दिवसीय सभा का आयोजन किया जा रहा है। इस सभा में दिल्ली सेक्टर के भक्ति प्रधानों ने हिस्सा लिया।

दूसरे दिन यानी 17 सितंबर को सभा को संबोधित करते हुए आचार्य धर्मवीरानंद आनंद अवधूत ने धर्मशास्त्र, दर्शनशास्त्र और समाजशास्त्र पर चर्चा करते हुए कहा कि धर्मशास्त्र वह है जो धार्मिक अनुशासन के द्वारा मनुष्य को परम पुरुष की ओर परिचालन करता है। दर्शनशास्त्र वह है जो सत्य को चारों तरफ से दर्शाता है। समाजशास्त्र से समाज को गति देने की ताकत मिलती है। आचार्य ने कहा कि श्रीश्री आनंदमूर्ति ने ब्रह्म साधना दी है। ब्रह्म साधना साधना में तीन चीजें होती हैं- ईस्ट, इष्ट मंत्र और आदर्श इन तीनों के माध्यम से साधना में तीव्र गति मिलती है और मनुष्य जीव से शिव तक पहुंचने में सफल हो पाता है। इस सभा में भारत सहित नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के सैकड़ों भुक्ति प्रधानों ने हिस्सा लिया है। सभा के पहले सत्र को आचार्य रमेंद्रानंद अवधूत, आचार्य नभातितानंद अवधूत, आचार्य संपूर्णानंद अवधूत, आचार्य रागानुगानंद अवधूत, आचार्य अमलेशानंद अवधूत, आचार्य हरीशानंद अवधूत और आचार्य कल्याण मित्रानंद अवधूत ने संबोधित किया। सभा में बोकारो से भुक्ति प्रधान शिव कुमार श्रीवास्तव ने हिस्सा लिया।

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