सच की जीत : जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में झूठे मुकदमे में फ़सायें गए पांच आरोपी को न्यायलय ने किया बरी

Bokaro : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रश्मि चंदेल की अदालत ने जीआर केस की सुनवाई करते हुए आरोपी समाजसेवी योगो पुर्ती, रेंगो बिरूवा, झरीलाल पात्रा, चंदन सिंह, सृष्टि गोराई को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बीएस सिटी थाना में 2015 में दर्ज मामले में आदर्श को ऑपरेटिव के तत्कालीन अध्यक्ष ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। सूचक ने आरोपियों द्वारा जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाया गया था। अदालत में अभियुक्तों के तरफ से अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बचाव करते हुए दलील दी कि आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया था, बल्कि उसे फंसाया गया है। वकील श्री गिरि ने कहा कि आरोपी बांधगोड़ा, सतनपुर वन भूमि को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करता रहा है। घटना के दिन भू-माफिया बांधगोड़ा के वन भूमि जो आदिवासियों के पूजा स्थल भी है। उसे समतलीकरण कर कब्जा कर रहे थे। इसको लेकर ग्रामीणों ने भूमाफियों का विरोध जताते हुए वन भूमि को कब्जा मुक्त कराया था। जिस मामले में आरोपियों पर झूठा आरोप लगाया था। गवाहों के बयान और परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी के खिलाफ कोई प्रयाप्त सबूत नहीं मिलने के कारण न्यायलय ने दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद उपरोक्त लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। न्यायलय द्वारा दोषमुक्त करते हुए बाइज्जत बरी कर दिया गया। कोर्ट परिसर में स्वागत करने वालों में कल्याणी सिंह, अब्दुल रऊफ अंसारी, बिनोद ठाकुर, राजेश रवानी, विजय, शंकर, हेमंत मरांडी सहित अन्य मौजूद थे।

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