पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा—देश के राजनीतिक व्यापारियों ने सत्य की राजनीति को कर दिया है तहस नहस
Bokaro: भारत महान विभूतियों का देश है। एक से एक तपस्वी पैदा हुए हैं। सांस्कृतिक देश के रूप में संसार में पहचान है। लेकिन राजनीतिक व्यापारियों ने देश के सत्य की राजनीति को तहस नहस कर दिया है। उक्त बातें पूर्व सांसद सह जनाधिकार पार्टी का संयोजक पप्पू यादव ने बोकारो में शनिवार को एक सभा में कहा। उन्होंने कहा कि देश की जनता को अपराधियों ने जितना बदहाली में नहीं ढकेला, उससे ज्यादा बदहाली में ढकेला है देश के नेताओं ने। सरकारी कार्यालयों में जो घुस चल रहा है। उसका दोषी नेता क्यों नहीं ? जनता का अधिकारियों की नजर के सामने अधिकार छीना जा रहा है। उसका दोषी नेता क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी मूलवासी को उनका हक मिले। इससे कोई इनकार कोई कैसे कर सकता है। उन्हें अधिकार देने के लिए ही राज्य अलग हुवा है। ठेका सहित सभी विकास के कामों में मूलवासियों में काम मिलना चाहिए। बिरसा भगवान के सोच को जब तक धरातल पर झारखंड के नेता नहीं उतरेंगे, यहां के लोगों की भलाई नही हो सकती है। पप्पू यादव ने कहा कि अखंड बिहार रहते जिन्होंने भी झारखंड को अपना लिया है। उन्हें देश के संविधान के तहत संरक्षण देना राज्य सरकार की दायित्व है। यह राष्ट्र धर्म है।
उन्होंने कहा कि बोकारो इस्पात कारखाना देश की शान है। लेकिन बदहाली की दौर से गुजर रहा है। इसमें नेता दोषी है। प्लांट का विस्तार क्यों नहीं हुआ। विस्थापितों ने तो 35 हजार एकड़ जमीन 10 मिलियन टन क्षमता का कारखाना बनाने के लिए दिया है। न विस्थापित को नौकरी मिल रही है और न इस्पात कर्मियों के बच्चों को। सिर्फ आउट सोर्सिंग में काम करने को बेरोजगार मजबूर हैं। इसका दोषी भी नेता है। जनता इसे जिस दिन समझ जाएगी। समस्या विहीन उनका जीवन हो जाएगा। मौके पर साधु शरण गोप, कुलदीप सिंह, स्वामी जी, बुद्धनारायन यादव, राम कुमार वर्मा, घनश्याम चौधरी, सुगन सिंह यादव, सुदामा यादव, एके विश्वास, सत्येंद्र यादव, रमेश यादव, राजेश सिंह, ललन सिंह, शंभु शरण सुधांशु, चंदन, सूरज, संतोष, विकराल, जितेंद्र यादव सहित अन्य लोग शामिल थे।